
जमशेदपुर। उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में शनिवार को समाहरणालय सभागार में अनाबद्ध निधि, डीएमएफटी, नीति आयोग फंड, सांसद और विधायक निधि से संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक हुई। बैठक में पाया गया कि कई योजनाएं समय सीमा बीतने के बाद भी अधूरी हैं। इस पर डीसी ने असंतोष जताते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि योजनाओं के स्वीकृति के समय ही यथोचित अवधि तय की जाए और अनावश्यक विलंब की स्थिति में पदाधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित होगी।बैठक में पुल-पुलिया, पीसीसी रोड, पेयजल स्रोत, स्कूल भवन निर्माण समेत कई योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। डीसी ने कहा कि समय पर गुणवत्तापूर्ण कार्य कराना अभियंत्रण विभागों की जिम्मेदारी है। लापरवाही बरतने वाले संवेदकों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कार्यपालक अभियंताओं को नियमित रूप से निर्माण स्थलों का निरीक्षण करने का निर्देश दिया।जानकारी के अनुसार, जिला योजना अनाबद्ध निधि अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2023-24 की 78 योजनाओं में 76 पूरी हो चुकी हैं, जबकि 2 अधूरी हैं। 2024-25 की 118 योजनाओं में 57 पूरी और 61 अधूरी हैं। वहीं 2025-26 की 58 योजनाओं में केवल 1 योजना पूरी हुई है। डीएमएफटी मद अंतर्गत स्वीकृत 421 योजनाओं में 324 पूरी, 90 अधूरी और 7 रद्द हुई हैं। नीति आयोग फंड से स्वीकृत 8 योजनाओं पर भी काम जारी है।सांसद और विधायक निधि की योजनाओं की समीक्षा में भी कई अपूर्ण कार्य सामने आए। सांसद निधि की 131 योजनाओं में 102 पूरी हो चुकी हैं। वहीं विधायक निधि के अंतर्गत 2023-24 की 508 योजनाओं में 405, 2024-25 की 579 योजनाओं में 409 और 2025-26 की 18 योजनाओं में से अधिकांश अधूरी हैं। डीसी ने निर्देश दिया कि जनप्रतिनिधियों द्वारा अनुशंसित योजनाओं को प्राथमिकता से पूर्ण किया जाए और पारदर्शिता के साथ धरातल पर उतारा जाए।बैठक में उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान, निदेशक एनईपी संतोष गर्ग, सिविल सर्जन डॉ. साहिर पाल समेत कई विभागों के पदाधिकारी मौजूद रहे।