
जमशेदपुर:टाटानगर और खड़गपुर रेलखंड के बीच स्थित सलगाझुड़ी केबिन पर मेमू ट्रेनों का ठहराव बंद किए जाने के विरोध में सोमवार सुबह से ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। संयुक्त ग्राम समन्वय समिति के बैनर तले सैकड़ों ग्रामीण रेलवे ट्रैक के समीप धरने पर बैठ गए हैं।
शिक्षा और रोजगार पर पड़ा बुरा असर
ग्रामीणों ने बताया कि चक्रधरपुर रेल मंडल ने पिछले एक महीने के भीतर टाटानगर से खड़गपुर के बीच चलने वाली लगभग आधा दर्जन मेमू ट्रेनों का ठहराव सलगाझुड़ी में बंद कर दिया है। इस फैसले का सबसे बुरा असर सभी वर्गों पर पड़ा है खास कर कॉलेज और स्कूल जाने वाले छात्र अब समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुँच पा रहे हैं। शहर में मजदूरी और निजी संस्थानों में काम करने वाले लोगों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया है।छोटे व्यापारियों और निर्माण कार्य से जुड़े लोगों के लिए माल ढोना और समय पर कार्यस्थल पहुंचना मुश्किल हो गया है।
आंदोलन को मिला राजनीतिक और सामाजिक समर्थन
धरना स्थल पर ग्रामीणों की मांग को समर्थन देने के लिए कई राजनीतिक दलों के नेता और पंचायत प्रतिनिधि पहुँच रहे हैं। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा)के जिला सचिव अंबुज कुमार ठाकुर ने मौके पर पहुँचकर इस आंदोलन को अपना पूर्ण समर्थन दिया। उन्होंने रेलवे के इस फैसले को जनविरोधी बताया। इनके अलावा दर्जनों पंचायत प्रतिनिधि भी ग्रामीणों के साथ चट्टानी एकता के साथ खड़े नजर आए।
चेतावनी के बाद भी नहीं जागा रेल प्रशासन
संयुक्त ग्राम समन्वय समिति के राम सिंह मुंडा ने कहा कि ट्रेनों का ठहराव बंद होने के तुरंत बाद रेल प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई थी। हमने डीआरएम को ज्ञापन सौंपकर आग्रह किया था कि मेमू ट्रेनों का ठहराव फिर से शुरू किया जाए क्योंकि यह हजारों लोगों की लाइफलाइन है। लेकिन रेल प्रशासन ने हमारी मांगों को अनसुना कर दिया। अब जब तक लिखित आश्वासन नहीं मिलता, हम यहां से नहीं हटेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो इस आंदोलन को और उग्र किया जाएगा।
क्या है रेलवे का पक्ष?
हालांकि रेलवे की ओर से इस मामले में अब तक कोई आधिकारिक स्पष्टीकरण नहीं आया है, लेकिन माना जा रहा है कि परिचालन समय में सुधार और तकनीकी कारणों से ठहराव कम किए गए हैं। दूसरी ओर, ग्रामीण इस तर्क को मानने को तैयार नहीं हैं।
आगे की रणनीति
ग्रामीणों ने स्पष्ट किया है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे रेल चक्का जाम जैसे बड़े कदम उठाने पर भी विचार कर सकते हैं। फिलहाल भारी संख्या में पुलिस बल और आरपीएफ की टीम स्थिति पर नजर रखे हुए है।
