
चक्रधरपुर। चक्रधरपुर रेलवे हाई स्कूल मैदान के पास रेल प्रशासन द्वारा लगाए गए लोहे के रिवॉल्विंग गेट (घूमने वाला गेट) में सोमवार को एक गाय बुरी तरह फंस गई। इस घटना के बाद स्थानीय लोगों का गुस्सा रेलवे प्रशासन के खिलाफ फूट पड़ा। लगभग आधे घंटे की कड़ी मशक्कत और गेट के पास की दीवार का एक हिस्सा तोड़ने के बाद गाय को सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।
गले में फंस गया था गेट, तड़पती रही गाय
जानकारी के अनुसार, सोमवार अपराह्न को एक गाय रिवॉल्विंग गेट पार करने की कोशिश कर रही थी। गेट का डिजाइन संकुचित होने के कारण गाय का गला उसमें बुरी तरह फंस गया। गाय को तड़पता देख भारी संख्या में स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए। लोगों ने काफी प्रयास किया, लेकिन गेट की बनावट ऐसी थी कि गाय को निकालना मुश्किल हो रहा था। अंततः ग्रामीणों ने सूझबूझ दिखाई और गेट से सटी दीवार के एक छोटे हिस्से को तोड़ा, जिसके बाद गाय की जान बच सकी।
रेलवे की ‘नाकेबंदी’ से आम जनता हलकान
विदित हो कि लगभग एक सप्ताह पहले ही रेल प्रशासन ने रेलवे हाई स्कूल मैदान और NH-75-E के बीच इस रिवॉल्विंग गेट को लगाया है। रेलवे का तर्क है कि मैदान और स्कूली बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़े वाहनों का प्रवेश रोकना जरूरी है। लेकिन इस ‘सुरक्षा’ के नाम पर आम जनता का रास्ता पूरी तरह संकुचित कर दिया गया है।
लोगों ने जताया कड़ा विरोध
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह रास्ता वर्षों से आवागमन का मुख्य जरिया रहा है। रेलवे ने जनभावनाओं को ताक पर रखकर यहाँ लोहे का जाल बिछा दिया है। आज की घटना ने साबित कर दिया है कि यह गेट न केवल इंसानों के लिए मुसीबत है, बल्कि बेजुबान जानवरों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि इस गेट को हटाकर आवागमन सुलभ नहीं किया गया, तो वे रेल प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन को मजबूर होंगे।
