
जमशेदपुर। जमशेदपुर जिला मुख्यालय से सटे ऐतिहासिक चंद्र मौलेश्वर महादेव मंदिर (कचहरी बाबा मंदिर) परिसर में गुरुवार सुबह अचानक तनाव का माहौल बन गया।मंदिर के पिछले हिस्से में जुस्को (टाटा स्टील की अनुषंगी इकाई) द्वारा की जा रही घेराबंदी को लेकर विवाद खड़ा हो गया।घेराबंदी का विरोध करते हुए मंदिर समिति के सदस्यों और हिंदूवादी संगठनों ने जुस्को प्रशासन पर सनातन आस्था को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया।
जुस्को की घेराबंदी से बंद होगा मंदिर का पिछला निकास
जानकारी के अनुसार, कचहरी बाबा मंदिर का पिछला हिस्सा जुबिली पार्क से सटा हुआ है।जुस्को द्वारा इस क्षेत्र में घेराबंदी का कार्य कराया जा रहा है, जिससे मंदिर का पिछला निकास पूरी तरह बंद हो जाएगा।मंदिर समिति ने कहा कि यह रास्ता श्रद्धालुओं और मंदिर कर्मियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।बिना किसी पूर्व सूचना या वार्ता के घेराबंदी किए जाने पर लोगों में आक्रोश फैल गया।
मंदिर समिति और विश्व हिंदू परिषद का विरोध प्रदर्शन
घटना की जानकारी मिलते ही विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल सहित कई हिंदू संगठन मौके पर पहुंचे।उन्होंने जुस्को की कार्रवाई को सनातन संस्कृति पर हमला बताया।विश्व हिंदू परिषद के नेता अरुण सिंह ने आरोप लगाया कि “जुस्को प्रशासन बिना किसी संवाद या मंदिर समिति को भरोसे में लिए यह कार्रवाई कर रहा है।यह कदम आस्था और धार्मिक स्वतंत्रता पर सीधा प्रहार है।हम इस अन्याय के खिलाफ हर स्तर पर विरोध करेंगे।”
पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में स्थिति संभाली गई
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की टीम भी घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया।पुलिस अधिकारियों ने दोनों पक्षों से शांतिपूर्वक समाधान निकालने की अपील की।मंदिर समिति ने स्पष्ट किया कि वह विकास कार्यों के खिलाफ नहीं है,लेकिन धार्मिक स्थल की सीमाओं और आस्था से जुड़े मार्गों को अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए।
मंदिर से जुड़ी है श्रद्धालुओं की गहरी आस्था
कचहरी बाबा मंदिर, जिसे चंद्र मौलेश्वर महादेव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है,जमशेदपुर के सबसे पुराने और प्रमुख शिवालयों में से एक है।यहां प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु पूजा-अर्चना के लिए पहुंचते हैं।श्रद्धालुओं का कहना है कि मंदिर का पिछला रास्ता कई वर्षों से उपयोग में है और यह मार्ग बंद होने से आवागमन तथा धार्मिक आयोजन प्रभावित होंगे।
लोगों ने की जुस्को से वार्ता की मांग
मौके पर मौजूद लोगों ने प्रशासन और जुस्को से मांग की कि मंदिर समिति को भरोसे में लेकर वैकल्पिक समाधान निकाला जाए।लोगों ने चेतावनी दी कि यदि आस्था से जुड़े स्थानों के प्रति संवेदनशीलता नहीं दिखाई गई तो विरोध और तेज किया जाएगा।
