
चाईबासा: झारखंड की पुलिस महानिदेशक तदाशा मिश्रा ने यह स्वीकार किया है कि पश्चिमी सिंहभूम जिला अब भी नक्सल प्रभावित क्षेत्र बना हुआ है और नक्सली यहां के घने जंगलों का लाभ उठा रहे हैं। राज्य की डीजीपी बनने के बाद वह बुधवार को पहली बार चाईबासा आईं, जहां उन्होंने नक्सल विरोधी अभियानों की समीक्षा की और पत्रकारों से बातचीत की।
ऑपरेशन चलाने की चुनौतियों पर फोकस
डीजीपी तदाशा मिश्रा ने बताया कि डीजीपी बनने के बाद वह पहली बार यहां फील्ड रिव्यू करने आई हैं। इस समीक्षा का मुख्य उद्देश्य जिले में नक्सलवाद से संबंधित जमीनी मुद्दों और समस्याओं को समझना था।उन्होंने माना कि ऑपरेशन चलाना आसान नहीं होता, और इसमें फ़ोर्स की अपनी समस्याएं होती हैं, जिनका तत्काल निराकरण जरूरी है।उन्होंने जोर दिया कि नक्सल विरोधी अभियानों को प्रभावी बनाने के लिए वन विभाग और सिविल एडमिनिस्ट्रेशन का सहयोग अनिवार्य है।
डीजीपी ने दोहराया संकल्प: ‘नक्सलियों का खात्मा अवश्य होगा’
पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में डीजीपी ने नक्सलवाद के खात्मे को लेकर झारखंड पुलिस के दृढ़ संकल्प को दोहराया। उन्होंने जोर देकर कहा कि नक्सलियों का खात्मा होगा, अवश्य होगा। उन्होंने अधिकारियों को समस्याओं का निराकरण कर, रणनीति बनाकर नक्सल विरोधी अभियानों को तेज करने का निर्देश दिया।डीजीपी का यह दौरा पश्चिमी सिंहभूम में नक्सल विरोधी रणनीति को और धार देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
