रांची : झारखंड की राजनीति में विचार, संघर्ष और जन-जुड़ाव की नई दिशा देने वाले नेताओं की बात आती है तो कुणाल षड़ंगी का नाम हमेशा अग्रिम पंक्ति में शामिल किया जाता है। अब उनका प्रभाव केवल एक जननेता तक सीमित नहीं रहा, बल्कि वे झारखंड की आवाज़ को वैश्विक विमर्श से जोड़ने वाले मजबूत सेतु के रूप में उभरे हैं। उनका आगामी लंदन और जिनेवा दौरा, जो कल से आरंभ हो रहा है, राज्य के लिए एक ऐतिहासिक अवसर के रूप में देखा जा रहा है।
यूनिवर्सिटी ऑफ ससेक्स में झारखंडी संघर्ष की गूंज
कुणाल षड़ंगी ब्रिटेन की प्रतिष्ठित University of Sussex में झारखंडी संघर्ष, झामुमो की वैचारिक पृष्ठभूमि और दिशोम गुरु शिबू सोरेन के नेतृत्व में चले आंदोलन की ऐतिहासिक भूमिका पर विशेष व्याख्यान देंगे।यह पहली बार है जब झारखंड की संस्कृति, पहचान और जल–जंगल–जमीन के संघर्ष की गहरी समझ को यूरोप के अकादमिक मंच पर प्रत्यक्ष रूप से प्रस्तुत किया जाएगा।विशेषज्ञों के अनुसार यह झारखंड के राजनीतिक इतिहास के लिए एक ऐतिहासिक क्षण है।
संयुक्त राष्ट्र जिनेवा: वैश्विक मंच पर झारखंड की उपस्थिति
जिनेवा में आयोजित होने वाले विश्व के सबसे बड़े मानवाधिकार सम्मेलन UN Business & Human Rights Forum (UNBHR) में कुणाल षड़ंगी की भागीदारी झारखंड की उपस्थिति को नई पहचान देगी।यह वह मंच है जहां व्यापार, मानवाधिकार, श्रम अधिकार, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और सतत विकास पर वैश्विक नीतियाँ तय होती हैं।उनकी मौजूदगी इस बात को रेखांकित करती है कि—झारखंड अब केवल संसाधन-संपन्न राज्य नहीं, बल्कि मानवाधिकार-आधारित विकास मॉडल का उभरता हुआ उदाहरण है।
झारखंडी परंपरा और आंदोलन की वैश्विक पहुँच
कुणाल षड़ंगी अपने वक्तव्यों में लगातार यह संदेश देते रहे हैं कि—झारखंड की जनसंस्कृति,दिशोम गुरु शिबू सोरेन का संघर्षमय आंदोलन और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का मानवाधिकार-केन्द्रित विकास मॉडलकेवल स्थानीय मुद्दे नहीं हैं, बल्कि इन्हें वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किए जाने योग्य महत्वपूर्ण उदाहरण माना जाना चाहिए।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर निरंतर सक्रियता
यह पहला अवसर नहीं है जब कुणाल षड़ंगी ने झारखंड का प्रतिनिधित्व वैश्विक स्तर पर किया है।उनकी उपलब्धियों की सूची उन्हें युवा नेतृत्व का सशक्त प्रतीक बनाती है
2016 , MIT पुणे भारतीय छात्र संसद – Ideal Youth MLA Award (झारखंड के पहले विधायक),राष्ट्रीय CPA सम्मेलन (गोवा),राष्ट्रीय व्हिप्स सम्मेलन (विशाखापत्तनम, उदयपुर),राष्ट्रीय विधायिका सम्मेलन (दिल्ली) – झारखंड का प्रतिनिधित्व
2018 ,अमेरिकी सरकार का IVLP प्रोग्राम – चयनित होने वाले झारखंड के पहले नेता,अर्कांसस राज्य द्वारा गुडविल ब्रांड एंबेसडर का सम्मान,
2019 , हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की India Conference में वक्ता,यूनिसेफ इंडिया के साथ Child Reporters Initiative एवं Generation Unlimited में सक्रिय भूमिका
2024 , FIA Chicago द्वारा International Youth Icon Award. इन उपलब्धियों ने झारखंड को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर एक नई पहचान दिलाई है।
झारखंड की नई वैश्विक छवि का निर्माण
कुणाल षड़ंगी की यह अंतरराष्ट्रीय सक्रियता केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि झारखंड के राजनीतिक और सांस्कृतिक पुनर्परिभाषा का हिस्सा है।आज झारखंड को वैश्विक स्तर पर—संघर्ष, संस्कृति, जल-जंगल-जमीन की रक्षा और मानवाधिकार मूल्यों के मॉडल के रूप में देखा जाने लगा है।उनकी यात्रा यह साबित करती है कि—“स्थानीय संघर्ष भी वैश्विक चर्चा बन सकते हैं, आवश्यकता है तो सही नेतृत्व और सही मंच की।”
झारखंड के लिए गौरव का क्षण
कुणाल षड़ंगी का यह दौरा झारखंड की सांस्कृतिक विरासत, जनसंघर्षों की पृष्ठभूमि, और आधुनिक नीति दृष्टिकोण को विश्व समुदाय के सामने मजबूत ढंग से प्रस्तुत करेगा।यह राज्य के लिए एक गर्व भरा क्षण है, जो आने वाले समय में झारखंड की वैश्विक पहचान को और सशक्त करेगा।
