
जामताड़ा/नारायणपुर: झारखंड सरकार में कांग्रेस कोटे से स्वास्थ्य, खाद्य आपूर्ति एवं आपदा प्रबंधन मंत्री डॉ. इरफान अंसारी एक बार फिर अपने विवादित बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा के केंद्र बन गए हैं। जामताड़ा जिले के नारायणपुर प्रखंड की बोरवा पंचायत में आयोजित “सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम के दौरान मंत्री अंसारी ने मतदाता सूची संशोधन (SIR) प्रक्रिया को लेकर एक ऐसा बयान दिया, जिसने प्रदेश की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है।
BLO को बंधक बनाने की सलाह
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने सीधे तौर पर प्रशासनिक प्रक्रिया में बाधा डालने की बात कही।उन्होंने उपस्थित जनसमूह से कहा कि “एसआईआर (SIR) के तहत यदि कोई भी पदाधिकारी या बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) नाम काटने के लिए गांव आए, तो उसे गेट में ताला लगाकर बंद कर दीजिए। उसके बाद मैं आकर गेट खुलवाऊंगा।”उनके इस बयान ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ-साथ विपक्षी राजनीतिक दलों में भी तीखी प्रतिक्रिया पैदा कर दी है, जहां इसे जनता को उकसाने और संवैधानिक प्रक्रियाओं में बाधा डालने की कोशिश बताया जा रहा है।
बिहार का संदर्भ देकर लगाया आरोप
मंत्री अंसारी ने अपने विवादित बयान को सही ठहराने के लिए पड़ोसी राज्य बिहार का संदर्भ दिया और चुनाव प्रक्रिया पर गंभीर आरोप लगाए।उन्होंने कहा कि “बिहार में 65 लाख वोटरों के नाम काटे गए और ऐसे लोगों का नाम जोड़ा गया जो भाजपा को पसंद करते थे और बाहरी थे।”मंत्री ने दावा किया कि “65 लाख वोटरों का मतलब करीब 80 विधानसभा सीटें होती हैं, जो हमसे (विपक्ष से) छीन ली गईं।”मंत्री अंसारी के इस बयान के बाद क्षेत्र और सोशल मीडिया में तीखी चर्चाएं शुरू हो गई हैं। विपक्षी दलों ने उन पर जनता को अराजकता के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से संज्ञान लेने की मांग की है।
