
देवघर: देवघर जिले में अवैध लकड़ी कटाई की बेलगाम रफ्तार अब जिला प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुकी है। ग्रामीण से लेकर शहरी इलाकों तक सैकड़ों अनधिकृत आरा मिल धड़ल्ले से संचालित हो रहे हैं, जो न सिर्फ कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं, बल्कि जिले के वनों को बर्बादी की कगार पर धकेल रहे हैं।
केवल 40 मिल अधिकृत, सैकड़ों चल रहे अवैध
जिला वन कार्यालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों और ज़मीनी हकीकत में बड़ा अंतर है। जिला वन कार्यालय के अनुसार, पूरे जिले में मात्र 40 आरा मिल ही वैध रूप से अधिकृत हैं।इसके विपरीत, सैकड़ों अवैध आरा मिल गांव-देहात में छिपकर चालू हैं, जहां घने और मजबूत पेड़ों की कटाई खुलेआम हो रही है।
सूचना लीक होने से छापेमारी हुई कमजोर
प्रशासन द्वारा लगातार कार्रवाई की कोशिशों के बावजूद अवैध मिलों पर लगाम नहीं लग पा रही है।कई बार कार्रवाई की कोशिशें हुईं, पर स्थानीय स्तर पर मिलीभगत के आरोपों के चलते छापेमारी कमजोर पड़ जाती है।सूचना पहले ही लीक हो जाती है और जब वन विभाग की टीम मौके पर पहुंचती है, तो उन्हें अक्सर खाली हाथ लौटना पड़ता है।
डीसी नमन प्रियेश लकड़ा ने दिया कड़ा निर्देश
लगातार हो रही पेड़ों की कटाई और पर्यावरण को हो रहे नुकसान को देखते हुए, उपायुक्त नमन प्रियेश लकड़ा ने खुद स्थिति का निरीक्षण किया।उपायुक्त ने वन विभाग को सख्त दिशा-निर्देश देते हुए स्पष्ट कहा कि कानून के तहत कड़ी कार्रवाई होनी ही चाहिए और अवैध गतिविधियों को तुरंत रोका जाए।
