गरीबों की सेवा से ही परमात्मा की प्राप्ति’: बढ़ती ठंड में काले पहुँचे बस्ती-बस्ती, 25वें वर्ष के कंबल वितरण अभियान से पहुँचाई राहत

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जमशेदपुर।हर हर महादेव सेवा संघ ने शहर में बढ़ती कड़ाके की ठंड को देखते हुए अपने वार्षिक कंबल सेवा अभियान को तेज कर दिया है। संस्थापक अध्यक्ष अमरप्रीत सिंह काले के नेतृत्व में शुक्रवार को संघ का जत्था जिले के विभिन्न बस्ती क्षेत्रों में पहुँचा और जरूरतमंदों व असहायों के बीच कंबल वितरण किया।संघ पिछले 25 वर्षों से निरंतर यह सेवा कार्य कर रहा है। शुक्रवार को कंबल सेवा बिरसानगर (जोन नंबर 10 और 3), रमनी काली मंदिर, बिरसानगर जोन नंबर 3C (हरि मंदिर), जेम्को, मछुआ बस्ती, भक्तीनगर, बर्मामाइंस** सहित कई अन्य स्थानों पर प्रदान की गई। संस्थापक अमरप्रीत सिंह काले ने स्वयं अपने हाथों से जरूरतमंदों को कंबल बाँटकर उनका आशीर्वाद प्राप्त किया।

सेवा ही मानवता का सबसे पवित्र रूप

इस अवसर पर श्री काले ने मानवता के प्रति अपने संगठन के संकल्प को दोहराया। उन्होंने कहा समाज में ऐसे बहुत से लोग हैं जिनके पास सर्दी से बचने के लिए पर्याप्त साधन नहीं होते। यदि हमारी छोटी-सी पहल किसी एक व्यक्ति तक भी गर्माहट पहुँचा सके, तो यही हमारे जीवन का सबसे बड़ा सौभाग्य है।उन्होंने बताया कि यह कंबल वितरण अभियान संघ का लगातार 25वाँ वर्ष है, जो बिना रुके, बिना थमे अनवरत रूप से हर वर्ष चलता आ रहा है।अमरप्रीत सिंह काले ने आगे कहा।सेवा सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि मानवता का सबसे पवित्र रूप है। जब किसी बुजुर्ग के चेहरे पर कंबल पाते ही राहत और मुस्कान दिखती है, तो वही क्षण हम सभी को और अधिक समर्पण के साथ सेवा कार्य करने की प्रेरणा देता है। सेवा ही सच्चे जीवन की पहचान है और हर जरूरतमंद तक पहुँचना ही हमारा धर्म है।उन्होंने स्पष्ट किया कि संघ का उद्देश्य केवल कंबल बाँटना नहीं, बल्कि लोगों के जीवन में सम्मान और सहारा पहुँचाना है।

इन स्वयंसेवकों का रहा योगदान

इस बृहद सेवा कार्य को सफल बनाने में जूगुन पांडे, बिभास मजूमदार, शेखर मुखी, रितिका श्रीवास्तव, संध्या रानी महतो, कुसुम लता देवी, शंभू सेतुवा, बिट्टू महतो, गणेश महतो, महालक्ष्मी देवी, राजन पात्रो, राम मारडी, कपूरा सुंडी, हीरा देवी, सुमित तेऊ, पिंकी विश्वास, गीता तांती, पंचमी गोराई, माधुरी गोप, अनिता दास, रेखा देवी, मुस्कान कुमारी, चंपा दास, शिवानी सिंह, छोटू पांडे, पवन चौधरी, विक्की ठाकुर, सूरज रजक, संतोष पासवान एवं अन्य स्वयंसेवकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।

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