
गिरिडीह: जिले में भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग लड़ रही एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने गुरुवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। एसीबी धनबाद की टीम ने बेंगाबाद अंचल कार्यालय के राजस्व उप-निरीक्षक (हल्का कर्मचारी) सुरेंद्र यादव और एक बिचौलिये मुकेश कुमार को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी जमीन के दाखिल-खारिज (म्युटेशन) के एवज में रिश्वत लेने के दौरान हुई।
म्युटेशन के बदले मांगे थे 15 हजार रुपये
घटना के संबंध में मिली जानकारी के अनुसार, शिकायतकर्ता ने अपनी बेटी लक्ष्मी कुमारी वर्णवाल के नाम पर मौजा मोतीलेदा स्थित एक भूखंड के दाखिल-खारिज के लिए बेंगाबाद अंचल कार्यालय में आवेदन दिया था। काफी समय बीत जाने के बाद जब वे अंचल अधिकारी से मिले, तो उन्हें संबंधित हल्का कर्मचारी से संपर्क करने की सलाह दी गई। आरोप है कि जब वे राजस्व उप-निरीक्षक सुरेंद्र यादव से मिले, तो काम करने के बदले 15 हजार रुपये की अवैध मांग की गई।
ACB ने बिछाया जाल, 6 हजार लेते धरे गए
शिकायतकर्ता रिश्वत देने के बजाय भ्रष्टाचार के खिलाफ खड़े हुए और उन्होंने धनबाद स्थित एसीबी कार्यालय में इसकी लिखित शिकायत दर्ज कराई। एसीबी ने मामले का गुप्त सत्यापन कराया, जिसमें रिश्वत मांगने की बात शत-प्रतिशत सही पाई गई। इसके बाद गुरुवार को एसीबी की टीम ने जाल बिछाया। जैसे ही कर्मचारी सुरेंद्र यादव ने अपने सहयोगी दलाल मुकेश कुमार के माध्यम से 6 हजार रुपये की पहली किस्त स्वीकार की, पहले से घात लगाकर बैठी एसीबी की टीम ने दोनों को दबोच लिया।
अंचल कार्यालय में मचा हड़कंप
एसीबी की इस औचक कार्रवाई से बेंगाबाद अंचल कार्यालय में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। कई कर्मचारी और बिचौलिये मौके से खिसकते नजर आए। एसीबी की टीम दोनों आरोपियों को अपने साथ धनबाद ले गई है, जहाँ उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
भ्रष्टाचार पर ‘जीरो टॉलरेंस’
एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि राज्य सरकार की भ्रष्टाचार के विरुद्ध ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है। उन्होंने आम जनता से अपील की है कि यदि कोई भी सरकारी सेवक काम के बदले रिश्वत की मांग करता है, तो डरे नहीं और इसकी सूचना तुरंत भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को दें।
