
मनोहरपुर। पश्चिमी सिंहभूम जिले के मनोहरपुर प्रखंड में जंगली हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। शुक्रवार की देर रात मनोहरपुर थाना क्षेत्र के गिडुंग गांव में एक जंगली हाथी ने खूनी तांडव मचाते हुए एक ग्रामीण को मौत के घाट उतार दिया। इस हृदयविदारक घटना के बाद से पूरे इलाके में दहशत का माहौल है और वन विभाग के प्रति ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है।
आंगन में आग ताप रहे थे लक्ष्मण, तभी काल बनकर आया हाथी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, मृतक की पहचान गिडुंग गांव निवासी लक्ष्मण देवगन के रूप में हुई है। शुक्रवार रात करीब 10 बजे लक्ष्मण अपने घर के आंगन में ठंड से बचने के लिए अलाव जलाकर आग ताप रहे थे। इसी दौरान जंगल की ओर से भटककर एक विशालकाय हाथी अचानक गांव में दाखिल हुआ। इससे पहले कि लक्ष्मण संभल पाते या वहां से भाग पाते, हाथी ने उन पर हमला कर दिया।चश्मदीदों के अनुसार, हाथी ने लक्ष्मण को अपनी सूंड से उठाकर जमीन पर पटक दिया और पैरों से कुचल दिया। हमले की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लक्ष्मण की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई।
गांव में मची चीख-पुकार, परिजनों का बुरा हाल
घटना के वक्त गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीण शोर मचाते हुए घरों से बाहर निकले, लेकिन तब तक हाथी लक्ष्मण को अपना शिकार बना चुका था। घटना के बाद से मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। लक्ष्मण अपने परिवार के मुख्य आधार थे, और उनकी आकस्मिक मृत्यु से पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई है।
वन विभाग की कार्यशैली पर उठे सवाल
इस घटना ने एक बार फिर जंगली जानवरों और इंसानों के बीच बढ़ते संघर्ष को उजागर कर दिया है। ग्रामीणों का आरोप है कि इलाके में हाथियों की मौजूदगी की सूचना होने के बावजूद वन विभाग द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए जा रहे हैं।ग्रामीणों ने कहा कि इलाके में वन विभाग की गश्त बढ़ाई जाए,मृतक के परिजनों को तत्काल उचित मुआवजा दिया जाए,गांवों को हाथियों के आतंक से बचाने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।
दहशत के साये में ग्रामीण
मनोहरपुर के वन क्षेत्रों से सटे गांवों में हाथियों का हमला अब आम बात होती जा रही है। रात होते ही लोग अपने घरों से निकलने में डर रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही हाथियों को खदेड़ने या उनके मार्ग को बदलने की दिशा में कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में और भी बड़ी अप्रिय घटनाएं घट सकती हैं।
