
जमशेदपुर: लौहनगरी जमशेदपुर इन दिनों कड़ाके की ठंड और घने कोहरे की दोहरी मार झेल रही है। रविवार की सुबह पूरा शहर कोहरे की ऐसी सफेद चादर में लिपटा नजर आया कि चंद कदम की दूरी पर भी देख पाना मुश्किल हो गया। शीतलहर और गिरते पारे ने जनजीवन की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है, वहीं शहर का बदला हुआ मिजाज लोगों को किसी हिल स्टेशन की याद दिला रहा है।
विजिबिलिटी कम, थमी रफ्तार
सुबह की शुरुआत घने कोहरे के साथ हुई। सड़कों, पार्कों और रिहायशी इलाकों में दृश्यता बेहद कम रही, जिससे वाहन चालकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। हाईवे और मुख्य सड़कों पर वाहन रेंगते हुए और हेडलाइट जलाकर चलते नजर आए। ठंड का असर ऐसा है कि जो पार्क्स सुबह 5 बजे गुलजार हो जाते थे, वहां अब सन्नाटा पसरा रहता है और लोग काफी देर से घरों से बाहर निकल रहे हैं।
टूटे ठंड के पुराने रिकॉर्ड
मौसम विभाग और स्थानीय आंकड़ों के अनुसार, इस साल की ठंड ने पिछले कई वर्षों का रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया कीर्तिमान स्थापित किया है। बर्फीली हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। मॉर्निंग वॉक पर निकलने वाले लोग सिर से पांव तक ऊनी कपड़ों, मफलर और जैकेट में लिपटे नजर आ रहे हैं। चाय की दुकानों और अलाव के पास लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
जमशेदपुर या मिनी कश्मीर?
बढ़ती ठंड से जहां लोग ठिठुर रहे हैं, वहीं जमशेदपुर का प्राकृतिक सौंदर्य इन दिनों चरम पर है। कोहरे में लिपटी जुबिली पार्क की सड़कें, पेड़-पौधे और धुंध में छिपी ऊंची इमारतें बेहद मनमोहक दृश्य पेश कर रही हैं। शहरवासी इस नज़ारे का लुत्फ उठा रहे हैं और इसे “मिनी कश्मीर” व “दार्जिलिंग जैसा अहसास” बता रहे हैं। युवा इस “विंटर वंडरलैंड” के नज़ारे को अपने मोबाइल कैमरों और सोशल मीडिया रील में कैद करने से नहीं चूक रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की सलाह
मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले कुछ दिनों तक कोहरे और ठंड से राहत मिलने की उम्मीद कम है। तापमान में अभी और गिरावट आने की संभावना जताई गई है।प्रशासन ने वाहन चालकों को कोहरे में धीमी गति से चलने की सलाह दी है।स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों और बच्चों को विशेष सावधानी बरतने, पर्याप्त गर्म कपड़े पहनने और अनावश्यक रूप से अलसुबह या देर रात घर से बाहर न निकलने की अपील की है।
