
जमशेदपुर:लौहनगरी में सात दिनों से चल रही आध्यात्मिक अमृत वर्षा ‘श्रीमद्भागवत कथा’ का सोमवार को विधि-विधान के साथ समापन हो गया। कथा के अंतिम दिन विशेष पूजा-अर्चना के बाद हवन और विशाल भंडारे का आयोजन किया गया, जिसमें पूरा क्षेत्र भक्ति के रंग में सराबोर नजर आया।
हवन-पूजन के साथ हुई पूर्णाहुति
कथा की समाप्ति के उपरांत आयोजित हवन अनुष्ठान में यजमान के रूप में श्री संजय गुप्ता एवं श्रीमती रूपा गुप्ता ने आहुतियां दीं। मंत्रोच्चार के बीच हुए इस हवन में भारी संख्या में बस्तीवासी और श्रद्धालु शामिल हुए। वातावरण धूप-अगरबत्ती की सुगंध और धार्मिक जयघोष से पवित्र हो उठा। श्रद्धालुओं ने विश्व शांति और परिवार के कल्याण की कामना के साथ अग्नि देव को आहुति अर्पित की।
हजारों श्रद्धालुओं ने चखा महाप्रसाद का स्वाद
हवन और पूर्णाहुति के पश्चात विशाल भंडारे का शुभारंभ किया गया। इस भंडारे में हजारों की संख्या में क्षेत्र के लोगों और दूर-दराज से आए श्रद्धालुओं ने पंक्तिबद्ध होकर प्रसाद ग्रहण किया। आयोजन समिति द्वारा शुद्धता और सेवा भाव के साथ महाप्रसाद का वितरण किया गया। लोगों के बीच उत्साह ऐसा था कि देर शाम तक श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा।
आयोजन समिति की सक्रियता से सफल हुआ अनुष्ठान
सात दिवसीय इस भव्य धार्मिक अनुष्ठान को सफल बनाने में आयोजन समिति और सेवादारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही। कार्यक्रम के सुचारू संचालन और व्यवस्था बनाए रखने में मुख्य रूप से शत्रुघ्न प्रसाद,संजय गुप्ता एवं रूपा गुप्ता,स्वाति गुप्ता,देवाशीष झा सहित कई अन्य कार्यकर्ताओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई। आयोजन समिति ने समापन पर सभी सहयोगियों और श्रद्धालुओं का आभार व्यक्त किया।
भक्ति और सेवा का संगम
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के आयोजनों से न केवल आध्यात्मिक शांति मिलती है, बल्कि समाज में एकता और सेवा की भावना भी सुदृढ़ होती है। सात दिनों तक चले भजनों और कथा प्रसंगों के बाद आज के भंडारे ने इस महोत्सव को एक यादगार विदाई दी।
