
जमशेदपुर। साकची में V2 मॉल के सामने से गुजरते हुए शायद आपने उन्हें देखा होगा—एक छोटा सा स्टॉल, एक बड़ी मुस्कान और एक विशाल हौसला।हम बात कर रहे हैं मनोज गोस्वामी की, जिन्हें आज हर कोई प्यार और सम्मान से ‘छोटू भाई’ के नाम से जानता है।करीब 30 सालों से छोटू भाई यहाँ अपनी छोटी सी पंचर बनाने की दुकान चला रहे हैं। उनकी दुकान दिन-रात खुली रहती है, चाहे कितनी भी गर्मी हो, बारिश हो या कड़ाके की ठंड।उनकी लगन और मेहनत देखकर कोई भी हैरान रह जाएगा।
लंबाई भले कम, पर हौसला बुलंद
छोटू भाई की लंबाई भले ही लगभग 3 फीट है, लेकिन उनके हौसले की ऊंचाई किसी पहाड़ से कम नहीं है। जीवन में कई मुश्किलें आईं, समाज की कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी।अपनी कड़ी मेहनत, सच्चाई और लगन से उन्होंने समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाई है. जो लोग कभी उनकी शारीरिक बनावट पर ध्यान देते थे, आज वही लोग उनके काम और हौसले को सलाम करते हैं ।
छोटू भाई एक मिसाल
छोटू भाई की कहानी हमें सिखाती है कि सच्ची सफलता बाहरी दिखावे या शारीरिक बनावट से नहीं, बल्कि दृढ़ इच्छाशक्ति, कड़ी मेहनत और अटूट विश्वास से मिलती है। उनकी जिंदगी इस बात का जीता-जागता उदाहरण है कि “कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती।”छोटू भाई एक प्रेरणा हैं। उनकी मुस्कान और उनका जज्बा हम सभी को यह याद दिलाता है कि अगर मन में कुछ करने की ठान ली जाए, तो कोई भी रुकावट आपको अपनी मंजिल तक पहुंचने से नहीं रोक सकती।