
रांची। जमशेदपुर पश्चिम के जेडीयू विधायक सरयू राय ने मंगलवार को रांची में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर सारंडा जंगल के संरक्षण को लेकर हेमंत सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। राय ने सीधे तौर पर कहा कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट आदेश के बावजूद राज्य सरकार सारंडा क्षेत्र में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनाने को लेकर गंभीर नहीं है और इस मामले में टालमटोल की नीति अपना रही है।
खनन रोकने की रिपोर्ट के बावजूद मंत्री परिषद की टीम भेजी
सरयू राय ने खुलासा किया कि राज्य के वन विभाग ने तीन साल की मेहनत के बाद एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की थी। इस रिपोर्ट में साफ तौर पर यह सिफारिश की गई थी कि इस महत्वपूर्ण इलाके में किसी भी तरह का खनन नहीं किया जाना चाहिए।इसके बावजूद, राय ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने हाल ही में अपने मंत्री परिषद की एक टीम को सारंडा भेजा है। उन्होंने आशंका जताई कि इस टीम को भेजने का मकसद सारंडा में वाइल्ड लाइफ सेंचुरी बनाने की प्रक्रिया में जानबूझकर अड़ंगा डालना है, ताकि खनन और औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा सके।
पर्यावरण संतुलन पर गंभीर खतरा
राय ने सारंडा के ऐतिहासिक महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि 1906 से ही सारंडा में अवैध खनन हो रहा है। 2006 में लीज के लिए बड़ी होड़ मची थी, जिस पर उन्होंने तत्कालीन समय में भी सवाल उठाया था और सारंडा संरक्षण अभियान चलाया था। उन्होंने बताया कि 2010 में बनी कमेटी और 2014 में सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने भी सारंडा के संरक्षण के लिए विस्तृत रिपोर्ट दी थी, लेकिन सरकार की निष्क्रियता चिंता का विषय है।उन्होंने आगाह किया कि सरकार विकास के नाम पर सारंडा को बर्बाद करने की कोशिश कर रही है। राय के अनुसार, अगर यहां अंधाधुंध खनन और औद्योगिक गतिविधियां जारी रहीं, तो इसका सीधा और विनाशकारी असर पर्यावरण और स्थानीय समुदायों पर पड़ेगा।सरयू राय ने कहा:सारंडा एशिया का सबसे महत्वपूर्ण साल जंगल है।यहां की कारो और कोएना नदियां तथा छोटे-छोटे नाले पहले ही खत्म होने की कगार पर हैं।खेती को भी भारी नुकसान हो रहा है।राय ने ज़ोर देकर कहा कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करना चाहिए और पर्यावरण संरक्षण को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी चाहिए।
केंद्र सरकार पर भी कटाक्ष
सरयू राय ने केवल राज्य सरकार को ही नहीं घेरा, बल्कि केंद्र सरकार पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के भीतर भी ऐसी लॉबी सक्रिय है जो वन संरक्षण पर ध्यान नहीं देती। उन्होंने कहा कि यह न तो राज्य के हित में है और न ही देश के।विधायक ने सरकार से अपील की कि वह खनन करे, लेकिन पर्यावरण संतुलन को बिगाड़े बिना ही करे। अंत में, उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि वह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना न करे और सारंडा को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित करने की प्रक्रिया में तत्काल सहयोग करे।