
चाईबासा। चाईबासा में हालिया आंदोलनों और जेल में बंद आंदोलनकारियों के मुद्दे पर झारखंड सरकार के खिलाफ आदिवासी समाज का विरोध तेज हो गया है। आदिवासी हो समाज महासभा भवन चाईबासा में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक में यह चौंकाने वाला निर्णय लिया गया कि झारखंड सरकार के मंत्री और चाईबासा के विधायक दीपक बिरुवा को ‘खोजने’ के लिए आदिवासी समाज के हजारों लोग घाटशिला जाएंगे।
जेल से रिहा हुए आंदोलनकारियों का स्वागत
बैठक की शुरुआत में, हाल ही में जेल से रिहा हुए आंदोलनकारियों को फूलमाला और आदिवासी परंपरा से गर्मजोशी से स्वागत किया गया। रिहा हुए साथियों से जेल में मौजूद अन्य आंदोलनकारी साथियों की वर्तमान स्थिति की जानकारी भी ली गई।बैठक में उपस्थित लोगों ने झामुमो प्रतिनिधियों एवं नेताओं के द्वारा भाजपा के नेताओं के पुतला दहन की कड़ी भर्त्सना की। आदिवासी समाज ने स्पष्ट कहा कि जो भी व्यक्ति आदिवासी समाज के साथ खड़ा है, आदिवासी समाज हमेशा उसके साथ खड़ा रहेगा। क्यों न वे किसी भी पार्टी के हों। क्यों कि समाज पहले, बाद में पार्टी रहेगा।
लापता विधायक को खोजने घाटशिला जाएगा समाज
बैठक में उपस्थित लोगों ने एक प्रस्ताव लाते हुए कहा कि चाईबासा के विधायक दीपक बिरुवा ‘लापता’ हो गए हैं और जनता उन्हें खोज नहीं पा रही है। जानकारी मिली है कि वे घाटशिला विधानसभा उपचुनाव क्षेत्र में ‘दर-दर भटक रहे हैं’।इस पर सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आदिवासी समाज विधायक दीपक बिरुवा को खोजने के लिए हजारों की संख्या में घाटशिला जाएगा।
आंदोलनकारियों की रिहाई और चरणबद्ध आंदोलन
आंदोलनकारियों ने आगे की रणनीति पर चर्चा करते हुए मांग की कि सरकार को सभी आंदोलनकारियों को बिना किसी शर्त के केस खत्म करते हुए जेल से रिहा करना होगा। उन्होंने कहा कि इसके लिए आदिवासी समाज किसी भी कदम को उठाने के लिए तैयार है।लोगों ने सर्वसम्मति से यह भी निर्णय लिया कि यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं होता है तो चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा। इसके तहत कई प्रस्ताव दिए गए जिसमे मंत्री दीपक बिरुवा को मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग,केन्द्रीय एजेंसी से न्यायिक जांच,मामले में शामिल सभी अधिकारियों पर प्राथमिकी,जेल भरो आंदोलन और प्रभावित पूरे क्षेत्र में पदयात्रा को शामिल किया गया।
उपायुक्त को हटाने के लिए विशेष अभियान
बैठक में पिछले दिनों अपनी मांगों पर चर्चा के लिए जिला उपायुक्त के पास गए आदिवासी समाज के लोगों के साथ उपायुक्त के कथित ‘दुर्व्यवहार’ पर भी चर्चा की गई। इस पर सभी ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की, जिसके बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि उपायुक्त को हटाने को लेकर एक विशेष अभियान चलाया जाएगा।इस बैठक में आदिवासी हो समाज, मुंडा समाज, उरांव समाज, संथाल समाज के प्रतिनिधि एवं अन्य समाज के सैकड़ों लोग मौजूद थे।
