
मनोहरपुर। मनोहरपुर थाना क्षेत्र के रायकेरा और लक्ष्मीपुर गांवों के बीच मंगलवार तड़के तीन बजे गौ तस्करी के लिए ले जाए जा रहे बैलों को ग्रामीणों ने सतर्कता दिखाते हुए पकड़ लिया। ग्रामीणों ने करीब 8 जोड़ी बैलों को तस्करों के चंगुल से छुड़ाया।पुलिस ने बाद में आवश्यक प्रक्रिया पूरी कर स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में इन बैलों को ग्रामीणों के बीच वितरित कर दिया है। वहीं, पुलिस अब बैलों की तस्करी करने वाले गिरोह की तलाश में जुट गई है।
रतजगा कर रहे ग्रामीणों ने देखा तस्करों को
जानकारी के अनुसार, रायकेरा पंचायत के लक्ष्मीपुर और रायकेरा गांव के ग्रामीण बीते रात हाथियों से अपनी फसल की रक्षा के लिए रतजगा (जागकर निगरानी) कर रहे थे। इसी दौरान, ग्रामीणों ने तरतरा गाँव जाने वाले रास्ते के समीप बड़ी संख्या में बैलों को तस्करी के लिए ले जाते देखा।युवकों ने तत्काल तस्करों को दौड़ाया, जिसके बाद तस्कर लगभग 30 जोड़ा बैल लेकर कोयल नदी पार कर फरार हो गए। हालांकि, ग्रामीणों ने करीब 8 जोड़ी बैलों को पकड़ने में सफलता हासिल की।
जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में बैलों का वितरण
ग्रामीणों ने पकड़े गए बैलों की जानकारी पुलिस को दी। थाना प्रभारी अम्मीएल एक्का मौके पर पहुंचे और आवश्यक कार्रवाई की। स्थानीय जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश महतो, उप प्रमुख गोडवीन एक्का, और मुखिया भातुराम सांडिल की उपस्थिति में इन बैलों को ग्रामीणों के बीच वितरण कर दिया गया।
ओडिशा से बंगाल तक फैला है तस्करी का नेटवर्क
बैलों की तस्करी का यह अवैध धंधा ओडिशा के सोरडा से लेकर पश्चिम बंगाल तक फैला हुआ है। जानकारों ने बताया कि तस्कर झुंड में इन बैलों को ओडिशा के सोरडा बाजार से लाते हैं, जिन्हें कई थाना क्षेत्रों, जैसे बानो थाना, हूर्दा ओपी, आनंदपुर, और मनोहरपुर की सीमाएं पार कराते हुए आगे बढ़ाया जाता है। पोसैता, डेरोवा, गाइलकेरा, सोनुआ, और पदमपुर होते हुए इन बैलों को एक निश्चित जगह पर जमा किया जाता है, जिसके बाद गाड़ियों से इन्हें बंगाल भेजा जाता है।
स्थानीय लोगों की मिलीभगत से होता है कारोबार
पुलिस को यह भी जानकारी मिली है कि बैलों की इस तस्करी में स्थानीय लोगों की भी मिलीभगत है। मनोहरपुर थाना क्षेत्र के डुमिरता का एक तस्कर अपने साथियों के साथ ओडिशा बॉर्डर से इन बैलों को लाता है और कोयल नदी पार कराता है। तरतरा और ढीपा गाँव के कुछ लोग भी इसमें शामिल हैं, जो बैलों को आगे की ओर हांक कर ले जाते हैं। इसके अलावा, आनंदपुर, सोनुआ और चक्रधरपुर के तस्कर भी इस पूरे अवैध कारोबार में शामिल हैं।पुलिस अब इस अंतरराज्यीय तस्करी रैकेट के सदस्यों और उनके स्थानीय सहयोगियों की तलाश में जुट गई है।
