
जमशेदपुर।भारत में पहली बार क्रिटिकल मेटल्स (महत्वपूर्ण धातु एवं खनिज) पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला में 6 से 8 नवंबर 2025 तक किया जा रहा है।यह आयोजन भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा मान्यता प्राप्त महत्वपूर्ण खनिजों एवं धातुओं में उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence for Critical Minerals) के रूप में सीएसआईआर-एनएमएल द्वारा किया जा रहा है।इस ऐतिहासिक सम्मेलन का उद्देश्य — भारत समेत वैश्विक स्तर पर महत्वपूर्ण खनिजों की खोज, प्रसंस्करण, पुनर्चक्रण और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करने के लिए नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं और उद्योग जगत के प्रतिनिधियों को एक मंच पर लाना है।
उद्घाटन सत्र में नीति निर्माताओं और वैज्ञानिकों का संगम
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में देश-विदेश के कई वरिष्ठ अधिकारी और वैज्ञानिक शामिल होंगे। इनमें प्रमुख रूप से —श्री लेखन ठक्कर, संयुक्त सचिव, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय, भारत सरकार,शकील आलम, आर्थिक सलाहकार, खान मंत्रालय,डॉ. के. आनंद राव, सीएमडी, यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड ,डॉ. अनुपम अग्निहोत्री, निदेशक, सीएसआईआर-एनएमएल,प्रो. सरमा वी. पिसुपति, निदेशक, पेन स्टेट यूनिवर्सिटी, अमेरिका शामिल होंगे। उद्घाटन दिवस पर इन सभी विशेषज्ञों द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान एवं तकनीकी प्रस्तुतियां दी जाएंगी।
अंतरराष्ट्रीय सहभागिता : 10 देशों के विशेषज्ञ करेंगे प्रौद्योगिकी प्रदर्शन
इस सम्मेलन में अमेरिका, कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, बेल्जियम, जर्मनी, कजाकिस्तान, नॉर्वे और यूएई जैसे देशों से वैज्ञानिक, नीति विशेषज्ञ और औद्योगिक प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।वे महत्वपूर्ण खनिजों के सज्जीकरण (beneficiation), निष्कर्षण (extraction), पृथक्करण (separation) और रीसाइक्लिंग तकनीकों पर प्रस्तुतियां देंगे।तकनीकी सत्रों में प्राथमिक और द्वितीयक स्रोतों से क्रिटिकल मिनरल्स की उपलब्धता बढ़ाने, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और अंतरराष्ट्रीय नीतियों पर चर्चा की जाएगी।
उद्योग जगत की सक्रिय भागीदारी
यह आयोजन वेदांता स्टरलाइट कॉपर, वेदांता एल्युमीनियम, टाटा स्टील, एलएंडटी मिनरल्स एंड मेटल्स, रूबामिन, लोहुम, पॉलीप्रोटिक, एमईसीएल, आईआरईएल, और जीएमडीसी जैसे अग्रणी उद्योग समूहों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।ये कंपनियां सम्मेलन में अपने नवीनतम अनुसंधान, खनिज पुनर्चक्रण तकनीक और सतत खनन से जुड़े अनुभव साझा करेंगी।
वैश्विक अर्थव्यवस्था में क्रिटिकल मेटल्स की बढ़ती भूमिका
सीएसआईआर-एनएमएल के अधिकारियों ने बताया कि भविष्य की हरित ऊर्जा (, इलेक्ट्रिक वाहन , सेमीकंडक्टर और एयरोस्पेस तकनीक जैसी प्रौद्योगिकियों का आधार इन्हीं महत्वपूर्ण धातुओं पर निर्भर है।इसलिए, भारत के लिए इन खनिजों की सुरक्षित और आत्मनिर्भर आपूर्ति श्रृंखला बनाना अत्यंत आवश्यक है।
भारत में खनिज आत्मनिर्भरता की दिशा में ठोस कदम
भारत सरकार ने हाल ही में नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन की शुरुआत की है, जिसके तहत सीएसआईआर-एनएमएल को Centre of Excellence का दर्जा प्रदान किया गया है।इस मिशन का मकसद देश के भीतर ही लिथियम, कोबाल्ट, निकेल, रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे धातुओं की खोज, प्रोसेसिंग और पुनर्चक्रण क्षमता को बढ़ाना है।यह सम्मेलन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो आने वाले वर्षों में भारत की खनिज आत्मनिर्भरता की राह प्रशस्त करेगा।
