
जमशेदपुर।सीएसआईआर-नेशनल मेटालर्जिकल लेबोरेटरी (एनएमएल) जमशेदपुर में गुरुवार को तीन दिवसीय क्रिटिकल मेटल्स कांग्रेस-2025 का भव्य उद्घाटन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय (भारत सरकार) के संयुक्त सचिव लेखन ठक्कर ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर यूरेनियम कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (यूसीआईएल) के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ. के. आनंद राव और स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ न्यूयॉर्क (अमेरिका) के प्रोफेसर सरमा वी. पिसुपाती विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।
क्रिटिकल मेटल्स राष्ट्र की औद्योगिक रीढ़ : लेखन ठक्कर
उद्घाटन सत्र में संयुक्त सचिव लेखन ठक्कर ने कहा कि क्रिटिकल मेटल्स राष्ट्र की आर्थिक और औद्योगिक प्रगति की आधारशिला हैं। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन बेहद समयानुकूल है, क्योंकि आज महत्वपूर्ण धातुएं न केवल औद्योगिक विकास को प्रभावित कर रही हैं, बल्कि भू-राजनीतिक समीकरणों को भी आकार दे रही हैं।
उन्होंने कहा —“वर्तमान दौर में अंतरराष्ट्रीय सहयोग कोई विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है। वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला को टिकाऊ बनाए रखने के लिए साझेदारियों में विविधता और वैज्ञानिक सहयोग आवश्यक है।”लेखन ठक्कर ने बताया कि भारत सरकार के विभिन्न निकायों, विशेषकर एएनआरएफ के माध्यम से, क्रिटिकल मेटल्स के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास को प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि भारत इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सके।
यूसीआईएल ने सहयोग की जताई तत्परता
यूसीआईएल के अध्यक्ष डॉ. के. आनंद राव ने अपने संबोधन में कहा कि क्रिटिकल मेटल्स के सतत एवं स्थायी स्रोत विकसित करने के लिए अनुसंधान की गति तेज करने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि,“यूसीआईएल एक्सट्रैक्शन (निष्कर्षण) तकनीकों में सहयोग के लिए तैयार है, ताकि भारत में महत्वपूर्ण धातुओं की आपूर्ति आत्मनिर्भर रूप से सुनिश्चित की जा सके।”
नवाचार और उत्कृष्टता से ही संभव है तकनीकी आत्मनिर्भरता : प्रो. पिसुपाती
अमेरिकी विशेषज्ञ प्रो. सरमा वी. पिसुपाती ने कहा कि रचनात्मकता, सहयोग और उत्कृष्टता ही अनुसंधान को आगे बढ़ाने के तीन मुख्य स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी स्वदेशी नवाचार तकनीकों को प्रयोगशालाओं से बाजार तक पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।
एनएमएल आत्मनिर्भर भारत की दिशा में अग्रणी : डॉ. संदीप घोष चौधरी
इससे पहले एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी ने स्वागत संबोधन में कहा कि भारत के आत्मनिर्भरता अभियान में महत्वपूर्ण खनिजों के क्षेत्र में सीएसआईआर-एनएमएल की भूमिका रणनीतिक रूप से अहम है।उन्होंने कहा —“रक्षा, एयरोस्पेस, इलेक्ट्रॉनिक्स और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में प्रौद्योगिकीय संप्रभुता हासिल करने के लिए हमें अपने देश में ही खनिज संसाधनों के मूल्यवर्धन पर ध्यान देना होगा। एनएमएल इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहा है।”
275 से अधिक प्रतिभागियों की भागीदारी
सम्मेलन आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. संजय कुमार ने बताया कि देश-विदेश से 275 से अधिक प्रतिभागी इस तीन दिवसीय सम्मेलन में भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह मंच वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी नवाचार और उद्योगों के बीच सहयोग को नई दिशा देगा।इस अवसर पर सम्मेलन स्मारिका और शोध संकलन का भी विमोचन किया गया।कार्यक्रम का समापन सम्मेलन संयोजक डॉ. अभिलाष के धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।
तीन दिनों तक होगी विशेषज्ञों की चर्चा
तीन दिनों तक चलने वाले इस सम्मेलन में देश-विदेश के वैज्ञानिक, शोधकर्ता और उद्योग विशेषज्ञ महत्वपूर्ण खनिजों की खोज, निष्कर्षण, रीसाइक्लिंग और सतत विकास पर विचार-विमर्श करेंगे।
