
चाईबासा।सदर अस्पताल स्थित ब्लड बैंक में लगातार दूसरे सप्ताह भी एक यूनिट भी ब्लड उपलब्ध नहीं है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इलाजरत मरीजों को रक्त की आवश्यकता पड़ने पर चाईबासा ब्लड बैंक हाथ खड़ा कर देता है, जिसके चलते जरूरतमंद परिवारों को मजबूरन जमशेदपुर भागना पड़ रहा है।
ब्लड स्टॉक शून्य, ऑपरेशन और इमरजेंसी केस प्रभावित
शनिवार को सुबह से ही कई मरीज रक्त की कमी से जूझ रहे थे। डॉक्टरों ने उन्हें तुरंत ब्लड चढ़ाने की सलाह दी, लेकिन ब्लड बैंक में स्टॉक शून्य होने के कारण रक्त उपलब्ध नहीं कराया जा सका।सी-सेक्शन (सिजेरियन), बड़े ऑपरेशन और आपातकालीन मामलों में रक्त न मिलने से स्थिति और गंभीर हो रही है।
लोगों का आरोप – ब्लडदान शिविर तो लगता है, लेकिन ब्लड उपलब्ध नहीं
स्थानीय लोगों ने बताया कि ब्लडदान शिविर नियमित लगाए जाते हैं, परंतु ब्लड बैंक में खून उपलब्ध नहीं रहता।कारण यह बताया गया है कि—क्त की जांच जमशेदपुर भेजी जाती है ,रिपोर्ट आने में 3–4 दिन लग जाते हैं.रिपोर्ट आने तक ब्लड बैंक स्थानीय स्तर पर ब्लड इश्यू नहीं कर पाता।इन वजहों से ब्लडदान के बाद भी चाईबासा ब्लड बैंक खुद को खाली बताता है।
ब्लड बैंक के कर्मचारी दे रहे जमशेदपुर से ब्लड लाने की सलाह
परिजनों का आरोप है कि ब्लड बैंक के कर्मचारी मरीजों को जमशेदपुर या अन्य स्थानों से ब्लड की व्यवस्था करने की सलाह दे रहे हैं।बीते दो सप्ताह से यह समस्या लगातार बनी हुई है, जिससे प्रतिदिन कई मरीज और उनके परिजन परेशान हो रहे हैं।
मरीजों के परिजनों की पीड़ा — “न ब्लड लिया जा रहा, न दिया जा रहा”
सदर अस्पताल में भर्ती कई मरीजों के परिजनों ने बताया कि अभी न तो ब्लड लिया जा रहा है और न ही समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है।उन्होंने सवाल उठाया कि—यह समस्या कब तक चलेगी?क्या प्रशासन इस ओर ध्यान देगा?हालात ऐसे हैं कि मरीज के जीवन से जुड़ा फैसला ब्लड की अनुपलब्धता की वजह से अधर में अटका रहता है।
अस्पताल प्रबंधन का बयान – जल्द शुरू होगी स्थानीय जांच
अस्पताल मैनेजर आशीष कुमार ने बताया कि—राज्य स्तरीय मेडिकल टीम ने ब्लड बैंक का निरीक्षण किया है। रिपोर्ट जल्द आने की उम्मीद है,रिपोर्ट आते ही ब्लड बैंक में ही जांच शुरू कर दी जाएगी।इसके बाद मरीजों को ब्लड के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।उन्होंने आश्वासन दिया कि स्थिति सामान्य करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं।
