
सरायकेला। सरायकेला उप विकास आयुक्त रीना हांसदा ने मंगलवार को सदर अस्पताल परिसर स्थित डायलिसिस सेंटर का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान सेंटर में कई गंभीर अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद डीडीसी ने सिविल सर्जन को कड़ी फटकार लगाई और सभी व्यवस्थाओं को तत्काल सुधारने का निर्देश दिया। निरीक्षण के समय सिविल सर्जन डॉ. सरयू प्रसाद सिंह, अस्पताल प्रबंधक संजीत राय और डॉ. अनिर्वाण महतो मौजूद थे।
दो मशीनें, पर सिर्फ एक मरीज—डीडीसी ने बताई प्रबंधन की लापरवाही
निरीक्षण के दौरान डीडीसी रीना हांसदा ने पाया कि—सेंटर में दो डायलिसिस मशीनें उपलब्ध हैं,इसके बावजूद सिर्फ एक मरीज का ही डायलिसिस चल रहा था।डीडीसी ने इसे अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही और सेवा के प्रति जागरूकता व प्रचार-प्रसार की कमी का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि उपलब्ध संसाधनों का प्रभावी उपयोग न होना गंभीर चिंता का विषय है।
दीवारों में दरारें, रजिस्टर अधूरा, वेस्ट मैनेजमेंट में गड़बड़ी
निरीक्षण में कई अन्य खामियां भी सामने आईं—भवन की दीवारों में दरारें,रजिस्टर और दस्तावेजों का सही मेंटेनेंस नहीं,जैविक कचरा निस्तारण (वेस्ट मैनेजमेंट) को लेकर प्रबंधन की अनभिज्ञता।इन सभी बिंदुओं को लेकर उप विकास आयुक्त ने संबंधित पदाधिकारियों को तुरंत सुधार करने का निर्देश दिया।
एमओइ के अभाव में पूरी जांच नहीं हुई
डीडीसी ने बताया कि एमओइ (मेडिकल ऑफिसर इन-चार्ज) उपलब्ध नहीं होने के कारण कई बिंदुओं की विस्तृत जांच नहीं हो सकी।उन्होंने कहा कि एमओइ की उपस्थिति में आगे की जांच की जाएगी और आवश्यकता अनुसार कार्रवाही भी तय होगी।
ब्लड बैंक का भी निरीक्षण, कई जानकारियां ली गईं
निरीक्षण के दौरान डायलिसिस सेंटर के साथ-साथ ब्लड बैंक की व्यवस्था भी परखी गई।डीडीसी ने ब्लड स्टोरेज, डिमांड- सप्लाई, स्टाफ की उपलब्धता सहित अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां लीं।
निर्धारित समय सीमा के भीतर सुधार का आदेश
निरीक्षण के अंत में डीडीसी ने अस्पताल प्रबंधन और सिविल सर्जन को स्पष्ट निर्देश दिया कि—सभी खामियों को निर्धारित समय सीमा में दूर किया जाए।मरीजों को सेवा में किसी भी तरह की बाधा न आए।डीडीसी ने कहा कि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार प्रशासन की प्राथमिकता है और लापरवाही किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
