झामुमो केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल ने ब्रिटेन में रखा झारखंडी आंदोलन का इतिहास,शिबू सोरेन की जीवनी से विश्व समुदाय हुआ परिचित

Spread the love

देश/विदेश :ब्रिटेन के प्रतिष्ठित ससेक्स विश्वविद्यालय के सेंटर ऑफ वर्ल्ड एनवायरनमेंट हिस्ट्री द्वारा आमंत्रित किए जाने पर झामुमो के केंद्रीय प्रवक्ता कुणाल ने शनिवार को विश्वविद्यालय कैंपस में महत्वपूर्ण व्याख्यान दिया। उन्होंने “जल, जंगल, जमीन” की लड़ाई और झारखंड के 150 वर्षों के आंदोलन के इतिहास पर विस्तृत चर्चा की। व्याख्यान की शुरुआत कुणाल ने पारंपरिक ‘जोहार’ से की।

सिदो–कान्हू से बिरसा मुंडा तक का संघर्ष रखा अंतरराष्ट्रीय मंच पर

कुणाल ने बताया कि झारखंड में जल–जंगल–जमीन की लड़ाई सिदो–कान्हू, तिलका मांझी, बिरसा मुंडा जैसे वीरों की संघर्ष गाथाओं से शुरू होती है। उन्होंने कहा कि 1757 में भोगनाडीह से अंग्रेज़ी शासन के विरुद्ध पहला बिगुल फूंका गया था, लेकिन अंतरराष्ट्रीय अकादमिक विमर्श में झारखंडी आंदोलनों पर चर्चा बहुत कम होती है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।

जयपाल सिंह और शिबू सोरेन — आजादी के बाद आदिवासी नेतृत्व के दो बड़े स्तंभ

व्याख्यान में कुणाल ने आजादी के बाद झारखंड में उभरे दो प्रमुख आदिवासी नेताओं जयपाल सिंह मुंडा और शिबू सोरेन — के योगदान पर विस्तार से बात की।उन्होंने कहा कि जयपाल सिंह मुंडा ने आदिवासियों के अधिकारों को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर आवाज उठाई।वहीं शिबू सोरेन (गुरुजी) ने महाजनी प्रथा के खिलाफ निर्णायक संघर्ष छेड़ा और झारखंड आंदोलन को जन–जन तक पहुंचाया।उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों से न्यायालय ने उन्हें मुक्त कर दिया, लेकिन साज़िशन राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आज भी उन्हें वह मान्यता नहीं मिली जिसकी वे हकदार हैं।

झामुमो की स्थापना और हेमंत सरकार की पहल पर चर्चा

कुणाल ने झामुमो की स्थापना का विस्तृत इतिहास बताते हुए कहा कि शिबू सोरेन, विनोद बिहारी महतो और ए. के. रॉय ने स्थानीय मुद्दों के समाधान और आदिवासी–मूलवासी अधिकारों को राजनीतिक शक्ति देने की दृष्टि से पार्टी की नींव रखी थी।उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में यह विचार और मजबूत हुआ है।मारांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना से झारखंड के मेधावी छात्र ब्रिटेन के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं।

ससेक्स में पढ़ रहीं झारखंड की छात्राओं से भी मुलाकात

व्याख्यान के बाद कुणाल ने रांची की त्रिनिशा और खूंटी की उषा से मुलाकात की, जो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की छात्रवृत्ति योजना के माध्यम से ससेक्स विश्वविद्यालय में अध्ययनरत हैं। दोनों छात्राओं ने इस अवसर के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताया।

विश्वविद्यालय ने झामुमो के संघर्ष को मंच देने पर जताया आभार

कुणाल ने ससेक्स विश्वविद्यालय की—अंतरराष्ट्रीय उप प्रवीसी साइमन थॉमसन,सेंटर निदेशक वीनिता दामोदरन,और कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर सौम्या नाथ को झामुमो के संघर्ष और गुरुजी की जीवनी को अपने व्याख्यान कार्यक्रम में शामिल करने के लिए धन्यवाद दिया।

झारखंड और ब्रिटेन के संस्थानों के बीच होंगे एक्सचेंज कार्यक्रम

कुणाल ने घोषणा की कि आने वाले समय में ससेक्स विश्वविद्यालय और झारखंड के शैक्षणिक संस्थानों के बीच एक्सचेंज प्रोग्राम,संयुक्त शोध कार्य,और अन्य अकादमिक साझेदारी स्थापित की जाएगी।विश्वविद्यालय के प्रतिनिधियों का एक दल अगले वर्ष जनवरी में रांची आएगा और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात कर साझेदारी को और मजबूत करेगा।

More From Author

राजनगर में दर्दनाक सड़क हादसा: ई-रिक्शा पर हाईवा पलटने से दो की मौत, तीन गंभीर रूप से घायल

साकची बाजार में अतिक्रमण हटाओ अभियान: JNAC अधिकारी कृष्णा कुमार की बड़ी कार्रवाई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Recent Comments

No comments to show.