
गम्हरिया :पर्यावरण प्रदूषण, जलस्रोतों की तेजी से घटती गुणवत्ता और भू-जल स्तर में लगातार गिरावट के बीच जमशेदपुर के ग़म्हरिया स्थित आईडीटीआर (IDTR) के छात्र-छात्राओं ने एक सराहनीय पहल की है। मेकाट्रोनिक्स विभाग के विद्यार्थियों ने “एरो एक्वा कनवर्टर” नामक एक अभिनव मशीन विकसित की है, जो हवा में मौजूद नमी को पीने योग्य पानी में बदलने की क्षमता रखती है। यह मॉडल एनटीटीएफ द्वारा आयोजित टेक फेस्ट 2025 में प्रदर्शित किया गया, जहां इसे द्वितीय स्थान प्राप्त हुआ।
कैसे काम करती है यह मशीन?
छात्रों के अनुसार, एरो एक्वा कनवर्टर हवा में मौजूद नमी को संग्रहित कर उसे पानी में परिवर्तित करता है। खास बात यह है कि इस पानी का TDS स्तर मात्र 120 PH है, जो शरीर के लिए सुरक्षित माना जाता है।इसके साथ ही मशीन में मिनरल एडिंग सिस्टम भी है, जिसके जरिए कैल्शियम, मैग्नीशियम जैसे आवश्यक खनिज पानी में मिलाए जा सकते हैं, जिससे इसकी गुणवत्ता और भी बढ़ जाती है।
क्यों है यह मशीन खास?
भू-जल पर निर्भरता कम होगी,प्रदूषित जल स्रोतों का विकल्प तैयार होगा।पीने योग्य उत्तम गुणवत्ता का पानी उपलब्ध कराएगी।
पर्यावरण संरक्षण में महत्वपूर्ण योगदान
छात्रों ने बताया कि नल के पानी (Tap Water) का TDS आमतौर पर 300 PH से अधिक होता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है। ऐसे में यह मशीन सुरक्षित विकल्प बन सकती है।
कार्यक्रम में मिली सराहना
टेक फेस्ट में विभिन्न तकनीकी संस्थानों के मॉडल प्रदर्शित किए गए थे। इनमें आईडीटीआर का मॉडल बेहद प्रभावशाली रहा और निर्णायक मंडल ने इसकी तकनीकी उपयोगिता तथा सामाजिक महत्व को देखते हुए इसे द्वितीय पुरस्कार प्रदान किया।पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि थे—आरकेएफएल के सीओओ शक्ति पद सेनापति,टाटा स्टील फाउंडेशन के कैप्टन अमिताभ,कविता लोदी।
इन छात्रों ने बनाया मॉडल
राहूल कुमार,यास्मिन भंज,आयूसी साक्षी एक्का,नंद कुमार राव और शुभम मुंडा साथ ही मॉडल के निर्माण में कोऑर्डिनेटर पीटर्सन खन्ना की अहम भूमिका रही।
