
बोकारो: बोकारो स्टील प्लांट ने सिटी सेंटर इलाके में अतिक्रमण के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया, जिसके तहत दर्जनों की संख्या में गुमटियां और झोपड़ियां ध्वस्त कर दी गईं। लंबे समय से अतिक्रमण को लेकर बनी संशय की स्थिति खत्म हुई और बुलडोजर ताबड़तोड़ एक्शन में आ गया। इस कार्रवाई से एक बड़ी आबादी के रोजी-रोजगार छिन गए हैं, जिससे उनके सामने क्या खाएं और परिवार को क्या खिलाएं का गंभीर संकट खड़ा हो गया है।
संपदा न्यायालय के आदेश पर कार्रवाई
बड़े पैमाने पर पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट के नेतृत्व में बोकारो स्टील का सिक्योरिटी विभाग सिटी सेंटर पहुंचा।बोकारो स्टील प्लांट की ओर से संपदा न्यायालय ने इन गुमटियों और झोपड़ियों को अवैध अतिक्रमण घोषित कर दिया था और उन्हें अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश जारी किया था।लोगों को पहले ही अतिक्रमण हटाने और सामान समेटकर बोकारो स्टील की जमीन खाली करने को कहा गया था, लेकिन ढांचे खड़े रहे।उम्मीद के विपरीत, पुख्ता सुरक्षा व्यवस्था के बीच बुलडोजर फुटपाथ की दुकानों पर वार करता रहा। एक झटके में गुमटियां और झोपड़ियां मटियामेट होती गईं।लोगों ने अपनी आंखों के सामने तबाही के मंजर को देखा। बरसों से खड़ा लोगों का ढांचा टूटने लगा और उनकी रोजी-रोटी दफन होती रही, लेकिन किसी की हिम्मत नहीं हुई कि वह इस एक्शन के खिलाफ विरोध जाहिर करे।
गरीबी बनाम विकास: उठे तीखे सवाल
इस तोड़फोड़ के बाद कई गंभीर और मानवीय सवाल उठने लगे हैं।बेघर हुए लोगों के सामने अब सबसे बड़ा सवाल है कि वे क्या करेंगे और अपने परिवार का गुजारा कैसे चलाएंगे। लोगों का कहना है कि एक तरफ सरकार गरीबों की रोजी-रोजगार और जीवन स्तर सुधारने की योजनाएं चला रही है, वहीं दूसरी ओर उनके उन ढांचों को मसल दिया जा रहा है, जिससे उनकी दो जून की रोटी चलती थी। बोकारो स्टील मैनेजमेंट का रुख स्पष्ट है—जमीन अतिक्रमण है, तो उसे खाली करना है। वर्षों से रहना गैर कानूनी था और इसे कभी भी हटाया जा सकता था। बोकारो स्टील अपनी संपत्ति की रक्षा करना और अतिक्रमण मुक्त कराना अपना कानूनी अधिकार बता रहा है।
स्ट्रीट वेंडरिंग एक्ट का मुद्दा
विरोध और हंगामे की उम्मीद थी, लेकिन सहजता से कार्रवाई जारी रही। हालांकि, रोजी-रोटी गवाने वाले स्ट्रीट वेंडरिंग एक्ट का हवाला दे रहे हैं।बेघर हुए लोग यह कह रहे हैं कि सरकार ने फुटपाथ दुकानदारों की आजीविका संरक्षण के लिए कानून बनाई है, जिसमें उन्हें व्यवस्थित कर सुविधा देने का प्रावधान है।उनका तर्क है कि बोकारो स्टील मैनेजमेंट को कानून का अनुपालन करते हुए उन्हें अतिक्रमणकारी मानने के बजाय व्यवस्थित क्यों नहीं किया जा रहा है, जबकि वे यहां के लोगों की सेवा में हैं। उन्होंने मांग की है कि उन्हें कायदे से व्यवस्थित कर दिया जाए और उनसे किराया लिया जाए।बहरहाल, अतिक्रमण हटाओ अभियान मांग और उस पर विचार के बीच बोकारो में बुलडोजर गरज रहा है और बोकारो स्टील अपनी जमीन को अतिक्रमण मुक्त करने में जुटा हुआ है।
