
रांची। झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन, मुख्य विपक्षी दल (भाजपा) के विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ विभिन्न जनहित के मुद्दों पर सदन के अंदर और बाहर जोरदार प्रदर्शन किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही बाधित हुई।
सदन के बाहर विरोध की गूंज
सुबह कार्यवाही शुरू होने से पहले ही, विपक्षी विधायक हाथों में तख्तियां (प्लैकार्ड्स) लेकर विधानसभा परिसर में जमा हो गए और राज्य सरकार के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। विपक्ष ने निम्नलिखित प्रमुख मुद्दों को लेकर सरकार को घेरने का प्रयास किया जिसमे लाखों छात्रों की लंबित छात्रवृत्ति राशि के भुगतान में हो रहे विलंब को लेकर विधायकों ने सरकार पर शिक्षा के प्रति उदासीनता का आरोप लगाया।किसानों के धान की खरीद प्रक्रिया में हो रही देरी और मंडियों की अव्यवस्था को लेकर रोष जताया गया, जिससे किसानों को निजी व्यापारियों को कम कीमत पर धान बेचने पर मजबूर होना पड़ रहा है।इसके अलावा, राज्य की बिगड़ती कानून-व्यवस्था, सड़कों की बदहाली और अन्य विकास कार्यों में शिथिलता को लेकर भी विधायकों ने विरोध प्रदर्शन किया।
सदन के अंदर भी विपक्ष का प्रदर्शन
सदन के बाहर प्रदर्शन करने के बाद, विपक्षी विधायक इन्हीं मुद्दों को लेकर सदन के अंदर भी गए और कार्यवाही के दौरान अपनी सीटों से खड़े होकर हंगामा शुरू कर दिया। वे लगातार “सरकार होश में आओ” और “किसानों को न्याय दो” जैसे नारे लगाते रहे।विपक्ष ने मांग की कि सरकार इन गंभीर मुद्दों पर तत्काल सदन में चर्चा करे और छात्रों एवं किसानों की समस्याओं का अविलंब समाधान सुनिश्चित करे। विपक्ष के इस आक्रामक रुख के कारण सदन में काफी देर तक शोरगुल का माहौल बना रहा, जिससे स्पीकर को स्थिति नियंत्रित करने में काफी मशक्कत करनी पड़ी।सत्र के पहले दिन की तरह ही, दूसरे दिन भी विपक्ष ने स्पष्ट कर दिया कि वह जनहित के मुद्दों पर सरकार को आसानी से काम नहीं करने देगा और उनकी आवाज मजबूती से उठाता रहेगा। इस हंगामेदार शुरुआत से यह स्पष्ट है कि शीतकालीन सत्र के आने वाले दिन भी काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं।
