
जमशेदपुर:देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जमशेदपुर आगमन से ठीक पहले रविवार की रात जुगसलाई थाना अंतर्गत रेलवे फाटक गोलचक्कर के पास भीषण आग लगने से हड़कंप मच गया। जिस स्थान पर आग लगी, वह राष्ट्रपति के प्रस्तावित ‘कारकेड रूट’ (काफिले का रास्ता) का हिस्सा है। घटना के बाद पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई ।
अतिक्रमण हटाकर रखे गए टायरों के ढेर में भड़की आग
जानकारी के अनुसार, सोमवार को राष्ट्रपति के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पिछले कई दिनों से तैयारियों में जुटा है। सुरक्षा और सौंदर्यीकरण के मद्देनजर फाटक गोलचक्कर के पास से फुटपाथ और अतिक्रमण हटाया गया था। फुटपाथ से हटाए गए सेकंड हैंड टायरों को दुकानदारों ने पास ही रेलवे बाउंड्री के पीछे एक साथ डंप कर दिया था। रविवार रात इन्हीं टायरों के ढेर में अचानक आग लग गई।
तेजी से फैली लपटें, आसमान में छाया काला धुआं
टायर होने के कारण आग ने देखते ही देखते विकराल रूप धारण कर लिया। आग की लपटें इतनी तेज थीं कि दूर से ही काला धुआं और लपटें दिखाई दे रही थीं। चूंकि सोमवार को इसी मार्ग से होकर राष्ट्रपति का काफिला करनडीह जाहेरथान की ओर प्रस्थान करेगा, इसलिए सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक महकमे में खलबली मच गई।
दमकल की गाड़ियों ने संभाला मोर्चा
घटना की सूचना मिलते ही अग्निशमन विभाग की दमकल गाड़ी मौके पर पहुंची। स्थानीय लोगों और दमकल कर्मियों ने मिलकर कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाने का प्रयास शुरू किया। गनीमत यह रही कि आग और अधिक फैलने से पहले ही उस पर नियंत्रण पाने की कोशिशें तेज कर दी गईं, अन्यथा पास ही स्थित अन्य दुकानें और रेलवे की संपत्ति को भारी नुकसान हो सकता था।
अवैध कब्जे पर सवाल
स्थानीय लोगों का आरोप है कि रेलवे फाटक के आसपास लंबे समय से अवैध दुकानों का कब्जा है, जहाँ असुरक्षित तरीके से टायरों की बिक्री और भंडारण होता है। पहले भी यहाँ कई बार आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं।
अलर्ट मोड पर प्रशासन
राष्ट्रपति के दौरे के लिए पूरे मार्ग की रोजाना मॉनिटरिंग हो रही है। इस घटना के बाद सुरक्षा बल और भी मुस्तैद हो गए हैं। प्रशासन अब यह जांच कर रहा है कि आग दुर्घटनावश लगी या इसके पीछे कोई शरारत थी। सोमवार सुबह राष्ट्रपति का काफिला इसी मार्ग से गुजरना है, जिसे देखते हुए इलाके में गश्त बढ़ा दी गई है।
