
जमशेदपुर। जमशेदपुर के परसुडीह थाना क्षेत्र में नशे के अवैध कारोबार से जुड़े एक मामले में पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय जेएमएम नेता की बाइक जलाने के मामले में पुलिस पर आरोपी को संरक्षण देने और एफआईआर दर्ज करने में 21 दिन का समय लगाने का आरोप है।
नशे की लत और कारोबार को लेकर विवाद
यह पूरा मामला सोपोडेरा का है। जानकारी के अनुसार, जेएमएम पार्टी के पंचायत अध्यक्ष विमल पाल का अपने पुराने दोस्त सूरज श्रीवास्तव से लंबे समय से विवाद चल रहा था। विमल पाल के अनुसार, सूरज श्रीवास्तव नशे का आदी हो चुका था और अब ब्रॉउन शुगर का सप्लायर भी बन चुका है। बीते 17 नवंबर को विमल पाल ने सूरज को उसकी नशे की लत और अवैध कारोबार को लेकर कड़ी डांट लगाई।डांट से नाराज सूरज श्रीवास्तव ने उसी रात विमल पाल की बाइक में पेट्रोल डालकर आग के हवाले कर दिया और मौके से फरार हो गया।
आरोपी ने थाने में कबूला जुर्म, फिर भी पुलिस ने छोड़ दिया
अगले दिन, सूरज श्रीवास्तव खुद विमल पाल के पास पहुँचा और गुस्से में बाइक जलाने की बात स्वीकार कर ली। इसके बाद विमल पाल उसे लेकर परसुडीह थाना पहुँचे।पीड़ित विमल पाल के अनुसार, सूरज ने पुलिस के सामने भी अपना अपराध कबूल कर लिया था, लेकिन पुलिस ने उसे पूछताछ के बाद आश्चर्यजनक रूप से छोड़ दिया और आगे की कार्रवाई लंबित रखी।
21 दिन बाद दर्ज हुई FIR, पैसे लेकर छोड़ने का आरोप
इस घटना के बाद, विमल पाल लगातार थाने के चक्कर लगाते रहे, लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। आखिरकार, इस घटना में 21 दिन बाद एफआईआर दर्ज की गई है।विमल पाल ने परसुडीह पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी ड्रग्स सप्लायर था, और पुलिस ने पैसे लेकर उसे छोड़ दिया।
कानून के राज पर उठे सवाल
यह मामला इसलिए भी गंभीर हो जाता है क्योंकि पीड़ित विमल पाल सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा से जुड़े हैं और स्थानीय विधायक के करीबी भी हैं। बावजूद इसके, पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने में 21 दिन लगा दिए, जो यह साफ दर्शाता है कि जमशेदपुर में कानून का राज किस हद तक प्रभावित हो चुका है।विमल पाल ने कहा है कि वह इस मामले को लेकर वरीय पुलिस अधीक्षक और राज्य के मुख्यमंत्री से मिलकर उचित कार्रवाई की मांग करेंगे।
