
जमशेदपुर। जमशेदपुर के कीताडीह स्थित साउथ सेटलमेंट मोहर्रम इमामबाड़ा मैदान को रेलवे द्वारा चहारदीवारी किए जाने के प्रयास का स्थानीय लोगों ने मंगलवार को कड़ा विरोध किया। स्थानीय क्षेत्रवासियों और मुहर्रम कमेटी के कड़े विरोध के कारण रेलवे की टीम को जेसीबी मशीन के साथ बैरंग लौटना पड़ा।क्षेत्रवासियों का कहना है कि यह मैदान वर्षों से सामाजिक, धार्मिक और खेलकूद गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है और इसे जबरन घेरना जनभावनाओं के खिलाफ है।
धार्मिक और सामाजिक गतिविधियों का केंद्र
साउथ ईस्टर्न रेलवे मुहर्रम अखाड़ा कमेटी के लाइसेंसधारी शेख सलाउद्दीन ने बताया कि यह मैदान मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के कारण अत्यंत महत्वपूर्ण है।हर वर्ष इसी मैदान से मुहर्रम का अखाड़ा निकाला जाता है। इसके अलावा, ख्वाजा साहब का उर्स भी इसी मैदान में आयोजित होता है। शादी-विवाह, बच्चों के खेलकूद और अन्य सामाजिक कार्यक्रमों के लिए भी इस मैदान का नियमित उपयोग किया जाता रहा है।पूर्वी कीताडीह पंचायत की उप-मुखिया मेनुल खान ने भी इस बात पर जोर दिया कि यदि मैदान को घेर दिया गया तो आम जनता का जनजीवन गंभीर रूप से प्रभावित होगा।
विरोध के बाद रेलवे टीम को लौटना पड़ा
मिली जानकारी के अनुसार, मंगलवार को रेलवे की टीम जेसीबी मशीन के साथ इमामबाड़ा मैदान की चहारदीवारी करने पहुँची थी।इसकी जानकारी मिलते ही बड़ी संख्या में स्थानीय लोग तुरंत मौके पर जमा हो गए और विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।स्थानीय लोगों के तीव्र और संगठित विरोध को देखते हुए रेलवे की टीम को बिना काम किए ही वापस लौटना पड़ा।
रेलवे की मंशा पर सवाल
स्थानीय मुहर्रम कमेटी ने रेलवे की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा है कि यदि रेलवे को वास्तव में इस जमीन की आवश्यकता है, तो उसके उपयोग को स्पष्ट किया जाना चाहिए। उन्होंने मांग की कि बिना किसी ठोस आवश्यकता के जबरन चहारदीवारी कर आम लोगों को परेशान न किया जाए। कमेटी का स्पष्ट कहना है कि मैदान को घेरने से क्षेत्र के लोगों की धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियां गंभीर रूप से प्रभावित होंगी।
डीआरएम से मुलाकात की तैयारी
स्थानीय लोगों ने बताया कि इस मामले की जानकारी रेलवे के आईओडब्ल्यू विभाग को दे दी गई है। साथ ही, जल्द ही क्षेत्रवासियों का एक प्रतिनिधिमंडल डीआरएम (मंडल रेल प्रबंधक) से मुलाकात करेगा और अपनी आपत्ति तथा मांगों को लिखित रूप में सौंपेगा।फिलहाल, इमामबाड़ा मैदान की चहारदीवारी का कार्य रुका हुआ है, लेकिन इस घटनाक्रम को लेकर क्षेत्र में तनाव और चर्चा का माहौल बना हुआ है।
