
चाईबासा: पश्चिम सिंहभूम जिले की मुफस्सिल थाना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय मानव तस्करों के चंगुल से 6 नाबालिग बच्चों को सकुशल बरामद करने में बड़ी सफलता हासिल की है। इन बच्चों को बेहतर शिक्षा का झांसा देकर नेपाल की राजधानी काठमांडू ले जाकर बेच दिया गया था।
शिक्षा के नाम पर ‘सौदा’
सदर थाना प्रभारी सह डीएसपी तरुण कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि 11 नवंबर 2025 को मुफस्सिल थाना क्षेत्र के रांगामाटी गांव से 11 बच्चों को षड्यंत्र के तहत बहला-फुसलाकर नेपाल भेजा गया था। इस साजिश में गांव के ही मुंडा राम जोंको और नारायण कांडेयांग शामिल थे। इन मासूमों को “उच्च शिक्षा और मेडिटेशन” का लालच दिया गया था, लेकिन असल में उन्हें वहां ले जाकर बेच दिया गया।
कैसे हुआ मामले का खुलासा?
तस्करी किए गए 11 बच्चों में से 2 बच्चे किसी तरह तस्करों के चंगुल से भागकर वापस चाईबासा पहुंचे और अपने परिजनों को आपबीती सुनाई। इसके बाद 9 दिसंबर 2025 को रांगामाटी निवासी सालुका बोयपाई ने अहतु (AHTU) थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कांड संख्या 05/25 दर्ज कर जांच शुरू की।
नेपाल के ‘भक्तपुर’ से हुआ रेस्क्यू
उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर एक विशेष टीम का गठन किया गया। इस टीम ने नेपाल के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित किया। जांच में पता चला कि बच्चों को काठमांडू के भक्तपुर स्थित ‘नामोबुद्धा मेडिटेशन एवं एजुकेशनल संस्थान’ में रखा गया था। पुलिस टीम ने वहां दबिश देकर 6 बच्चों को विधिवत रेस्क्यू किया और चाईबासा लाकर उनके परिजनों को सौंप दिया।
15 बच्चों का मामला अब भी फंसा
पुलिस के अनुसार, कुल 27 बच्चों को अलग-अलग क्षेत्रों से नेपाल ले जाया गया था।02 बच्चे खुद भागकर आए,06 बच्चों को पुलिस ने रेस्क्यू किया।15 बच्चों के संबंध में उनके अभिभावकों ने उन्हें वापस नहीं लाने का आवेदन दिया है, जो पुलिस के लिए जांच का विषय है।
इन अधिकारियों की रही मुख्य भूमिका
इस सफल रेस्क्यू ऑपरेशन में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी (सदर) बहामन टुटी, अंचल अधिकारी उपेंद्र कुमार, मुफस्सिल थाना प्रभारी बिनोद कुमार, पु०अ०नि० मिथुन कुमार, दशरथ जामुदा (पाण्ड्राशाली ओपी) और चाईल्ड लाईन के मो० इमरान शामिल थे।पुलिस ने बताया कि कांड के नामजद अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है और इस रैकेट के अन्य कड़ियों को खंगाला जा रहा है।
