
जमशेदपुर। साकची स्थित करीम सिटी कॉलेज के हिंदी विभाग द्वारा सोमवार को ‘भारतीय भाषा दिवस’ के अवसर पर एक विशेष साहित्यिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आधुनिक तमिल साहित्य के महान कवि और स्वतंत्रता सेनानी सी. सुब्रमण्यम भारती की स्मृति में आयोजित किया गया। कार्यक्रम के माध्यम से विभिन्न भारतीय भाषाओं की एकता और उनकी सांस्कृतिक समृद्धि पर प्रकाश डाला गया।
सुब्रमण्यम भारती के साहित्य पर गहरा मंथन
कार्यक्रम की अध्यक्षता हिंदी विभागाध्यक्ष डॉ. एस. सी. गुप्ता ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में डॉ. गुप्ता ने सुब्रमण्यम भारती के व्यक्तित्व और उनके साहित्य की व्यापकता पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि भारती का साहित्य केवल एक भाषा तक सीमित नहीं है, बल्कि वह भारतीय राष्ट्रीयता का प्रतीक है। उन्होंने आज के बदलते दौर में सुब्रमण्यम भारती की रचनाओं की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए विद्यार्थियों को उनकी प्रेरणादायी कविताओं से जुड़ने की सलाह दी।
छात्रों ने किया कविताओं का प्रभावी पाठ
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण विभिन्न सेमेस्टर्स के छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया कविता पाठ रहा। विद्यार्थियों ने सुब्रमण्यम भारती द्वारा रचित कई महत्वपूर्ण कविताओं का वाचन किया और उनके भावार्थ प्रस्तुत किए। कविता वाचन करने वाले प्रमुख विद्यार्थियों में सुशांत बोबोअंगा,कशिश कुमारी,अमन कुमार,ललित कुमारी,
प्रीति कुमारी,सबरीन रूमी और सुरेश मंडल शामिल रहे।
भाषाई एकता और महत्व पर चर्चा
विभागीय अध्यापिका डॉ. संध्या सिन्हा ने विद्यार्थियों द्वारा प्रस्तुत कविताओं की सराहना की। उन्होंने कविताओं के अंतर्निहित संदेश को समझाते हुए बताया कि किस प्रकार भारतीय भाषाएँ एक-दूसरे की पूरक हैं। उन्होंने सुब्रमण्यम भारती की कविताओं में छिपे राष्ट्रप्रेम और मानवीय मूल्यों को विद्यार्थियों के समक्ष स्पष्ट किया।
धन्यवाद ज्ञापन और संचालन
कार्यक्रम का सफल संचालन छात्रा सुशांत बोबोअंगा ने किया। कार्यक्रम के अंत में प्राध्यापक डॉ. फिरोज आलम ने अपने विचार साझा किए। उन्होंने सभी प्रतिभागियों का उत्साहवर्धन किया और धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रमों से विद्यार्थियों में अपनी भाषाओं और साहित्य के प्रति गौरव की भावना जागृत होती है।
