
जमशेदपुर: सिख इतिहास के महान योद्धा और अद्वितीय बलिदानी शिरोमणि शहीद बाबा जीवन सिंह जी (भाई जैता जी) एवं दशमेश पिता गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों की अमर शहादत को नमन करने के लिए लौहनगरी पूरी तरह तैयार है। रंगरेटा महासभा द्वारा आगामी 28 और 29 दिसंबर को एग्रीको ट्रांसपोर्ट मैदान में भव्य ‘शहीदी दिहाड़ा’ का आयोजन किया जा रहा है।
सात वर्षों से निरंतर जारी है श्रद्धा का यह सफर
रंगरेटा महासभा के प्रदेश अध्यक्ष मंजीत सिंह ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि यह लगातार सातवां वर्ष है, जब जमशेदपुर की धरती पर इस महान शहादत को समर्पित कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। यह आयोजन केवल एक धार्मिक सभा नहीं, बल्कि सिख इतिहास के उस शौर्य और त्याग की याद दिलाता है, जिसने धर्म और मानवता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।
देशभर से जुटेंगे प्रख्यात कीर्तन जत्थे और इतिहासकार
दो दिवसीय इस समागम को गरिमामयी बनाने के लिए देशभर से सिख पंथ की महान हस्तियों को आमंत्रित किया गया है।देश के प्रसिद्ध कीर्तन जत्थे और कथावाचक संगत को गुरुबाणी से निहाल करेंगे।विशेष रूप से बुलाए गए ‘ढाडी जत्थे’ वीर रस की कविताओं और वारों के माध्यम से बाबा जीवन सिंह और साहिबजादों के बलिदान की गाथा प्रस्तुत करेंगे।प्रख्यात इतिहासकार गुरु साहिब के जीवन, उनके आदर्शों और धर्म की रक्षा के लिए दी गई कुर्बानियों पर प्रकाश डालेंगे।
बाबा जीवन सिंह: “रंगरेटे गुरु के बेटे”
मंजीत सिंह ने बताया कि बाबा जीवन सिंह जी का सिख इतिहास में विशेष स्थान है। वे वही महान योद्धा थे जिन्होंने चांदनी चौक, दिल्ली से गुरु तेग बहादुर जी के पावन शीश को सुरक्षित आनंदपुर साहिब तक पहुंचाया था, जिसके बाद गुरु गोबिंद सिंह जी ने उन्हें “रंगरेटे गुरु के बेटे” की उपाधि दी थी। इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को अपनी समृद्ध विरासत से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है।
तैयारियों में जुटा प्रशासनिक और सेवा दल
आयोजकों के अनुसार, एग्रीको ट्रांसपोर्ट मैदान में संगत की सुविधा के लिए भव्य पंडाल और लंगर की व्यवस्था की जा रही है। दो दिनों के इस आयोजन में जमशेदपुर के अलावा आसपास के क्षेत्रों से भी भारी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। महासभा के कार्यकर्ताओं की टोलियां व्यवस्था को अंतिम रूप देने में जुटी हैं।
