
जमशेदपुर: आगामी 29 दिसंबर को देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के जमशेदपुर आगमन को लेकर प्रशासनिक और सामुदायिक स्तर पर तैयारियां अंतिम चरण में हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार को करनडीह स्थित जाहेर थान में एक व्यापक मॉक ड्रिल (रिहर्सल) का आयोजन किया गया। इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रपति के सुरक्षा प्रोटोकॉल और उनके भ्रमण मार्ग को पूरी तरह सुचारू और सुरक्षित बनाना रहा।
परंपरा और आधुनिकता का अद्भुत संगम
मॉक ड्रिल के दौरान प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए जाहेर थान कमेटी की ही एक महिला सदस्य को प्रतीकात्मक राष्ट्रपति बनाया गया। जैसे ही वे मुख्य द्वार पर पहुँचीं, पारंपरिक वाद्य यंत्रों मांदर और धमसे की थाप के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया। इस रिहर्सल के जरिए यह सुनिश्चित किया गया कि राष्ट्रपति के वास्तविक आगमन के समय सांस्कृतिक गरिमा और सुरक्षा के बीच तालमेल बना रहे।
भ्रमण मार्ग और मुख्य चरणों का परीक्षण
अभ्यास के दौरान राष्ट्रपति के पूरे कार्यक्रम को सिलसिलेवार ढंग से परखा गया जिसमे प्रतीकात्मक राष्ट्रपति को सबसे पहले मुख्य पूजा स्थल (जाहेर थान) ले जाया गया, जहाँ उन्होंने विधि-विधान से पूजा की।इसके बाद उन्होंने संताली लिपि ‘ओलचिकी’ के जनक पंडित रघुनाथ मुर्मू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। पूजा और माल्यार्पण के बाद उन्हें सुरक्षा घेरे में ग्रीन रूम तक ले जाया गया, जहाँ प्रोटोकॉल के तहत 10 मिनट के विश्राम की प्रक्रिया का अभ्यास हुआ। अंत में, उन्हें मुख्य मंच तक सुरक्षित मार्ग से ले जाने का अभ्यास किया गया।
राष्ट्रगान की गूंज से भरा जोश
जैसे ही ‘प्रतीकात्मक राष्ट्रपति’ मंच पर पहुँचीं, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, पटमदा की छात्राओं ने पूरे उत्साह और अनुशासन के साथ राष्ट्रगान की धुन बजाई। इस रिहर्सल ने पूरे परिसर में देशभक्ति और भव्यता का संचार कर दिया।
सुरक्षा और व्यवस्था पर विशेष ध्यान
कमेटी के सदस्यों और प्रशासनिक अधिकारियों ने मिलकर गेट से लेकर मंच तक के मार्ग, ग्रीन रूम की व्यवस्था और सुरक्षा घेरे की बारीकियों की समीक्षा की। रिहर्सल का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि राष्ट्रपति को किसी भी स्थान पर पहुंचने में असुविधा न हो और कार्यक्रम बिना किसी बाधा के संपन्न हो।
आदिवासी समाज में भारी उत्साह
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के इस दौरे को लेकर करनडीह और आसपास के आदिवासी समाज में जबरदस्त उत्साह है। जाहेर थान कमेटी के अनुसार, यह दौरा गौरव का क्षण है और इसकी सफलता के लिए हर छोटी-बड़ी तैयारी पर पैनी नजर रखी जा रही है।
