
जमशेदपुर: चर्चित नागाडीह मॉब लिंचिंग कांड में जमशेदपुर की अदालत ने मंगलवार को पांच अभियुक्तों को दोषी करार दिया है। प्रथम अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश विमलेश सहाय की अदालत ने यह फैसला सुनाया, जिसके बाद अब दोषियों की सजा पर बहस 8 अक्टूबर को होगी। इस फैसले के बाद दोषियों को कितनी सजा मिलेगी, इस पर सबकी निगाहें टिकी हैं।अदालत ने जिन पांच लोगों को दोषी ठहराया है, उनके नाम हैं:राजाराम हांसदा (वर्तमान में जेल में),रंगो पूर्ति,गोपाल हांसदा,सुनील सरदार,तारा मंडल है ।इन्हें भारतीय दंड संहिता (IPC) की विभिन्न धाराओं, जैसे 148, 349/149, 302/149, 341/149, 342/149, 338/149 और 117 के तहत दोषी पाया गया है। इन धाराओं में दंगा भड़काने, गैरकानूनी तरीके से इकट्ठा होने, हत्या और झूठे कारावास जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
फैसले से असंतुष्ट हैं परिजन
इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से सुशील कुमार जायसवाल, जगत विजय सिंह और सुधीर कुमार पप्पू ने मजबूती से पैरवी की। हालांकि, अदालत ने सबूतों के अभाव में कई अन्य अभियुक्तों को बरी कर दिया, जिससे मृतकों के परिजन असंतुष्ट हैं। परिजनों का कहना है कि चार लोगों की निर्मम हत्या केवल पांच लोग मिलकर नहीं कर सकते।मृतकों के परिजनों ने दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे बरी किए गए अभियुक्तों के फैसले को झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।यह मामला जमशेदपुर के नागाडीह इलाके में हुए उस दर्दनाक मॉब लिंचिंग कांड से जुड़ा है, जिसने पूरे राज्य में सनसनी फैला दी थी। अब 8 अक्टूबर को अदालत का अगला फैसला आएगा, जब दोषियों की सजा पर बहस होगी।