
जमशेदपुर: कुड़मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) की सूची में शामिल करने के प्रस्ताव के विरोध में, शनिवार को परसुडीह थाना क्षेत्र के जसकंडीह ग्राम में आदिवासी समाज की एक महत्वपूर्ण और विशेष बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में आदिवासी समुदाय ने 9 अक्टूबर को उपायुक्त कार्यालय के समक्ष आयोजित होने वाली ‘विराट जनाक्रोश रैली’ को सफल बनाने के लिए विस्तृत रणनीति तैयार की।
सर्वसम्मति से विरोध का संकल्प
जसकंडीह ग्राम के वरिष्ठ बुद्धिजीवी और खूंटकाटी रैयत जगन्नाथ देवगम की अध्यक्षता में यह बैठक संपन्न हुई। बैठक में ग्राम के हो, संताल, मुंडा, भूमिज सहित सभी आदिवासी समुदायों के लोग एकजुट हुए।उपस्थित सभी सदस्यों ने एक स्वर में कुड़मी को आदिवासी बनाने के प्रस्ताव का जोरदार विरोध करने का संकल्प लिया। रणनीति के तहत, यह निर्णय लिया गया कि आगामी 9 अक्टूबर को होने वाली रैली में आमबगान, साकची से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक आदिवासी समाज पारंपरिक तरीके से अपनी आवाज बुलंद करेगा।
रैली की तैयारी और स्वरूप
बैठक में बनी सहमति के अनुसार, रैली में शामिल होने वाले सभी आदिवासी पारंपरिक आदिवासी वेशभूषा (ड्रेस) में होंगे। वे अपने विरोध को दर्शाने के लिए पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ दमा, दुमुंग और सूसुन दुरंग (पारंपरिक नृत्य और गीत) का प्रदर्शन करते हुए उपायुक्त कार्यालय तक मार्च करेंगे।इस विशाल जनाक्रोश रैली में बड़ी संख्या में भागीदारी सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया, ताकि सरकार तक उनकी भावनाएं स्पष्ट रूप से पहुंच सकें।
एकता को मजबूत करने पर बल
बैठक में यह भी सहमति बनी कि भविष्य में आदिवासी एकता को और अधिक मजबूत बनाने के लिए जसकंडीह ग्राम में एक बृहद आमसभा का आयोजन किया जाएगा।इस महत्वपूर्ण बैठक में शिव हांसदा, मोना देवगम, सुनीता कुंकल, सुनील देवगम, चंदराय मार्डी, कोंका हेम्ब्रोम, लखींदर कुंकल, मजुमदार हेम्ब्रोम, खुदीराम हांसदा, पूर्णिमा हेम्ब्रोम, जाम्बी देवगम, विरंग देवगम, ठिरकी देवगम, राहुल कुंकल, डोडरा बांडरा, प्रकाश सामड, दीपक सामड, लोगड़ो सामड, मारंग देवगम, सावित्री देवगम सहित कई अन्य गणमान्य आदिवासी नेता और सदस्य उपस्थित थे।