
जमशेदपुर।कोल्हान प्रमंडल में आदिवासी समाज के अधिकारों और भविष्य की दिशा तय करने वाला एक बड़ा आयोजन होने जा रहा है। आदिवासी सांवता सुसार आखड़ा की अगुवाई में आगामी 14 सितंबर को जमशेदपुर के एक्सएलआरआई ऑडिटोरियम में आदिवासी महा दरबार का आयोजन किया जाएगा।
इस महा दरबार का मुख्य उद्देश्य आदिवासी समुदाय के सामने मौजूद सामाजिक, संवैधानिक और आर्थिक चुनौतियों पर गंभीर चर्चा करना और उनके समाधान के लिए ठोस रणनीति तैयार करना है। आयोजकों ने बताया कि यहां होने वाली चर्चाओं के निष्कर्षों को राष्ट्रपति, राज्यपाल और न्यायालय तक पहुंचाया जाएगा ताकि नीतिगत और कानूनी स्तर पर आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
प्रमुख मुद्दे जिन पर होगी चर्चा
- संविधान में अनुसूचित जनजातियों को मिले अधिकारों की सुरक्षा।
- पारंपरिक जनजातीय शासन व्यवस्था, रीति-रिवाज और सामाजिक ढांचे का संरक्षण।
- पेसा अधिनियम का सही तरीके से पालन सुनिश्चित करना।
- आदिवासी महिलाओं की पैतृक संपत्ति में हिस्सेदारी पर ठोस निर्णय।
- समता जजमेंट और वेदांता जजमेंट जैसे महत्वपूर्ण न्यायिक फैसलों पर गहन विचार।
- जनजातीय भाषाओं के संरक्षण और प्रोत्साहन पर चर्चा।
- ग्राम सभा की अनुमति के बिना बालू घाटों के ई-ऑक्शन और अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभा की भूमिका में हो रहे हस्तक्षेप पर समीक्षा।
आदिवासी हितों की रक्षा की बड़ी पहल
आयोजकों का कहना है कि यह महा दरबार केवल चर्चा का मंच नहीं होगा, बल्कि आदिवासी समाज को एकजुट कर उनकी परंपराओं, भाषाओं और संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस रणनीति बनाने का अवसर प्रदान करेगा। यह आयोजन झारखंड भर में आदिवासी समाज को अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर आवाज़ उठाने की नई ताकत देगा।कार्यक्रम में विभिन्न जनजातीय संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, बुद्धिजीवियों और युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की गई है। आयोजकों ने अधिक से अधिक लोगों से इस महा दरबार में शामिल होकर आदिवासी समाज के भविष्य के लिए अपना योगदान देने की अपील की है।