
जमशेदपुर।डी.बी.एम.एस. कॉलेज ऑफ एजुकेशन में शुक्रवार को हिंदी दिवस बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। यह कार्यक्रम महाविद्यालय के साहित्यिक क्लब के तत्वावधान में आयोजित किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं, शिक्षकों और अतिथियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन और सरस्वती वंदना से हुआ। मंच संचालन का दायित्व प्रियांका कुमारी और मीनाक्षी कुमारी ने संभाला और पूरे कार्यक्रम को रोचक एवं सुगठित ढंग से प्रस्तुत किया। छात्रा पूनम कुमारी ने अपने प्रभावी भाषण में हिंदी भाषा के महत्व और उसकी प्रासंगिकता पर विचार रखते हुए सभी को हिंदी को गर्व से अपनाने का आह्वान किया।
प्राचार्या और उप-प्राचार्या ने दिया प्रेरक संदेश
महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. जूही समर्पिता ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति और सभ्यता का आधार है। उन्होंने कहा, “हिंदी हमारी पहचान और गौरव की भाषा है। हमें इसे बोलने में कभी संकोच नहीं करना चाहिए, बल्कि इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए।”उप-प्राचार्या डॉ. मोनिका उप्पल ने अपने उद्बोधन में कहा कि हिंदी में कई ऐसे शब्द हैं जिनका अनुवाद संभव नहीं है और यही उसकी विशेषता है। उन्होंने विद्यार्थियों से अपील की कि वे हिंदी के साहित्य और शब्दों को आत्मसात करें।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समां
हिंदी दिवस के अवसर पर छात्रों ने विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं। तीसरे सेमेस्टर की प्रियंका कुमारी ने अपनी स्वयं रचित कविता प्रस्तुत कर सभी का मन मोह लिया। बी.एड. की छात्राएँ तान्या कुमारी, निकिता कुमारी, नेहा कुमारी और अंकिता कुमारी ने सुंदर नृत्य प्रस्तुति दी, जिसने पूरे सभागार का वातावरण जीवंत कर दिया।
रंगकर्मी दिनकर शर्मा की नाट्य प्रस्तुति रही मुख्य आकर्षण
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध रंगकर्मी दिनकर शर्मा की शानदार नाट्य प्रस्तुति रही। उन्होंने “पक्षी और दीमक” एवं “मेरे होने का मतलब” नाटक का मंचन कर दर्शकों को भावविभोर कर दिया। उनके सशक्त अभिनय से दर्शकों की आंखें नम हो गईं।
धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ समापन
इस अवसर पर आर.एम.एस. बालिचेला के विद्यार्थी एवं शिक्षक भी उपस्थित रहे। उल्लेखनीय बात यह रही कि आमंत्रित शिक्षकों में कई ऐसे शिक्षक थे, जो डी.बी.एम.एस. कॉलेज ऑफ एजुकेशन के पूर्व छात्र रह चुके हैं। इस कारण कार्यक्रम में एक विशेष भावनात्मक जुड़ाव का माहौल बना।कार्यक्रम के समापन पर नीलू कुमारी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने प्राचार्या, उप-प्राचार्या, शिक्षकों, छात्रों और अतिथियों को सफल आयोजन में सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर कार्यक्रम की ओवरऑल इंचार्ज डॉ. मीनाक्षी चौधरी और साहित्यिक क्लब की संयोजक के रूप में उनकी भूमिका सराहनीय रही। आयोजन की सफलता में सचिव श्रीमती श्रीप्रिया धर्मराजन, संयुक्त सचिव श्रीमती सुधा दिलीप, प्राचार्या, उप-प्राचार्या, शिक्षकों और अशैक्षणिक कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा।