
जमशेदपुर। भारत सरकार के आत्मनिर्भर खनिज विकास के दृष्टिकोण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से, सीएसआईआर–राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला (CSIR-NML), जमशेदपुर और मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड (MECL) के बीच एक महत्वपूर्ण सहयोगात्मक समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।इस समझौते का मुख्य उद्देश्य खनिज अनुसंधान में गुणवत्ता, स्थिरता और नवाचार को बढ़ावा देना है, जिसमें विशेष जोर क्रिटिकल मेटल्स (महत्वपूर्ण धातुओं) से संबंधित क्षेत्रों पर रहेगा।
सहभागिता के प्रमुख क्षेत्र
यह समझौता उन परियोजनाओं तक विस्तारित होगा जो दोनों संस्थान संयुक्त रूप से लागू करेंगे, या फिर यह एमईसीएल की स्वतंत्र परियोजनाओं में सीएसआईआर-एनएमएल द्वारा तकनीकी सहयोग के रूप में कार्य करेगा।सहयोग के प्रमुख क्षेत्र निम्नलिखित हैं जिसमे महत्वपूर्ण खनिजों के अन्वेषण और विकास पर गहन अनुसंधान, खनिजों की गुणवत्ता सुधारने की प्रक्रियाएँ,धातुओं को अयस्कों से निकालने की आधुनिक तकनीकें,मौजूदा प्रक्रियाओं में सुधार और नई तकनीकों की पहचान और बेहतर विश्लेषणात्मक कौशल और तकनीकी सहयोग शामिल है। इस पहल का लक्ष्य विश्लेषणात्मक कौशल में सुधार, ज्ञान के आदान-प्रदान को प्रोत्साहित करना और संयुक्त अनुसंधान तथा प्रशिक्षण को बढ़ावा देना है।
‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ को मिलेगी मजबूती
यह समझौता दोनों संस्थानों द्वारा पहले ही स्थापित किए जा चुके ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इन क्रिटिकल मिनरल्स एंड मेटल्स’ के अंतर्गत चल रहे अनुसंधानों को और अधिक सुदृढ़ करेगा। यह केंद्र भारत की खनिज आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रमुख हस्तियों की रही उपस्थिति
समझौते पर हस्ताक्षर एमईसीएल की ओर से कार्तिक रामचंद्रन, प्रमुख, व्यवसाय विकास एवं वाणिज्य, और सीएसआईआर-एनएमएल की ओर से डॉ. एस.के. पाल, मुख्य वैज्ञानिक एवं प्रमुख, अनुसंधान योजना एवं व्यवसाय विकास, ने किए।इस अवसर पर एमईसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक (सीएमडी) श्री इंद्र देव नारायण, निदेशक (तकनीकी) पंकज पांडे, तथा सीएसआईआर-एनएमएल के निदेशक डॉ. संदीप घोष चौधरी उपस्थित थे।कार्यक्रम में सीएसआईआर-एनएमएल के वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार, डॉ. डी. मिश्रा, डॉ. अभिलाष, तथा एमईसीएल के अधिकारी श्रीकांत शर्मा, जीएम (एक्सप्लोरेशन) और अन्य उपस्थित थे।
