
जमशेदपुर। भाई-बहन के अटूट प्रेम और स्नेह का प्रतीक पर्व गोधन पूजा (जिसे कई स्थानों पर भाई दूज भी कहते हैं) आज जमशेदपुर शहर में पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया गया। दीपावली के बाद पड़ने वाले इस पर्व को लेकर सुबह से ही महिलाओं में खासा उत्साह देखा गया।
परंपरागत तरीके से हुई पूजा-अर्चना
जमशेदपुर के मानगो, साकची, बारीडीह और कदमा सहित विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं ने गोधन पूजा को परंपरागत तरीके से संपन्न किया।अहले सुबह स्नान के बाद महिलाओं ने सबसे पहले पूजा स्थल को साफ कर सजाया।इसके बाद उन्होंने गोबर से पूजा का प्रतीकात्मक स्वरूप तैयार किया।भाई की लंबी उम्र, सुख और समृद्धि की कामना करते हुए गोधन पूजा संपन्न की गई।
बजरी खिलाने की विशेष रस्म
इस त्योहार की एक विशेष रस्म में बहनें अपने भाइयों को ‘बजरी’ खिलाती हैं और उसके बाद ही अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं। यह रस्म भाई की लंबी उम्र और मंगलमय जीवन की प्रार्थना का प्रतीक है।पूजा के बाद, बहनें अपने भाई के माथे पर तिलक लगाती हैं और उनके मंगलमय जीवन की प्रार्थना करती हैं। बदले में भाई अपनी बहन को उपहार और आशीर्वाद देकर अपना स्नेह व्यक्त करते हैं। यह परंपरा भाई-बहन के स्नेह और आत्मीयता को और मजबूत करती है।
पारिवारिक एकता और प्रेम का उत्सव
स्थानीय लोगों के अनुसार, गोधन पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि पारिवारिक एकता और प्रेम का उत्सव भी है।पूरे शहर में सुबह से ही पर्व का माहौल छाया रहा। महिलाएँ इस दिन पारंपरिक परिधान में नजर आईं और उन्होंने गीत गाकर, आरती उतारकर और दीप जलाकर पर्व को हर्षोल्लास के साथ मनाया। बच्चों में भी इस त्योहार को लेकर काफी उत्साह देखा गया।
