
सरायकेला। चाईबासा में आदिवासियों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) द्वारा आहूत ‘कोल्हान बंद’ के तहत बुधवार को सरायकेला में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया। भाजपा नेत्री मीरा मुंडा और भाजपा जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव के नेतृत्व में कार्यकर्ता गैरेज चौक और संजय चौक क्षेत्र में सड़क पर उतरे और दुकानदारों से अपील कर दुकानें बंद करवाईं।
राज्य सरकार ने आदिवासी समाज का अपमान किया

भाजपा नेत्री मीरा मुंडा ने हेमंत सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार पूरी तरह दमनकारी है। आवाज उठाने वालों के ऊपर लाठीचार्ज करवाकर राज्य सरकार ने आदिवासी समाज का अपमान किया है। पुलिस द्वारा की गई बर्बरता राज्य सरकार के समर्थन से की गई है, जिसकी भाजपा घोर निंदा करती है।”
शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज का आरोप

भाजपा जिलाध्यक्ष उदय सिंहदेव ने घटना का विवरण देते हुए बताया कि चाईबासा के ग्रामीण क्षेत्र के लोग सड़क पर नो इंट्री की मांग को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस सड़क पर एक वर्ष में 150 से अधिक सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, जिसमें कई लोगों की मौत हो गई है।सिंहदेव ने आरोप लगाया कि जब प्रदर्शनकारी तांबे चौक पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें रोक दिया और उन्हें परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ से मिलने नहीं दिया। उन्होंने बताया कि रात के करीब 10 बजे जब प्रदर्शनकारी भोजन कर रहे थे, तभी पुलिस ने आदिवासियों पर बर्बरतापूर्ण लाठीचार्ज कर दिया और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। उन्होंने यह भी बताया कि कई ग्रामीणों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है, और तो और, एक गर्भवती महिला को भी दो दिनों से थाने में बैठा कर रखा गया है, जो बेहद निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह सरकार पूरी तरह आदिवासी विरोधी है।
स्वास्थ्य मंत्री के इस्तीफे की मांग
उदय सिंहदेव ने स्वास्थ्य विभाग में हाल ही में सामने आए गंभीर मामले पर भी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाने का मामला विभाग की घोर लापरवाही को दर्शाता है। इसके जिम्मेदार अधिकारियों पर हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के कार्यकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह चौपट हो गई है। हम स्वास्थ्य मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हैं।कोल्हान बंद के दौरान सरायकेला में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मांग की कि लाठीचार्ज के दोषियों पर कार्रवाई हो तथा गिरफ्तार किए गए आदिवासियों को तुरंत रिहा किया जाए।
