जमशेदपुर: मोंथा चक्रवात से सुरक्षा को लेकर प्रशासन हाई अलर्ट पर, उपायुक्त ने 1 नवंबर तक क्षेत्रीय पदाधिकारियों को किया अलर्ट; जर्जर भवनों को सील करने का निर्देश

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जमशेदपुर। संभावित मोंथा चक्रवात से जानमाल की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हो गया है। समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकार की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई।उपायुक्त ने अगले 2-3 दिनों तक जिले में तेज हवा एवं भारी बारिश की संभावना के मद्देनज़र 01 नवंबर तक सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया।

जानमाल की सुरक्षा और आश्रय गृहों पर फोकस

बैठक में चक्रवात से जानमाल की सुरक्षा, आश्रय गृहों को चिन्हित करने, अस्पतालों में दवाओं की उपलब्धता और जर्जर सरकारी भवनों आदि पर विस्तृत चर्चा की गई।उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने सभी नगर निकाय, प्रखंड तथा अंचल के क्षेत्रीय पदाधिकारियों को पूरी तरह से सतर्क रहने और सुरक्षात्मक कदम उठाने की तैयारी रखने को कहा। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी कीमत पर जानमाल का नुकसान नहीं होना चाहिए।

उपायुक्त द्वारा दिए गए प्रमुख दिशा-निर्देश

उपायुक्त ने वैसे सभी आंगनबाड़ी केंद्र और स्कूल को चिन्हित कर कहा की सभी जर्जर सरकारी भवनों को तत्काल सील करने का निर्देश दिया गया।आवश्यकतानुसार आश्रय गृहों को चिन्हित कर फूड सप्लायरों को स्टैंडबाय में रखने का निर्देश दिया गया। तेज हवा या बारिश के कारण किसी भी नागरिक के घर की क्षति होने या फसलों की बर्बादी होने पर उचित डाक्यूमेंटेशन कर तत्काल रिपोर्ट करने का निर्देश दिया, ताकि प्रभावितों को ससमय उचित मुआवजा दिलाने की कार्रवाई की जा सके साथ ही सोशल मीडिया, माइकिंग और अन्य माध्यमों से नागरिकों के बीच चक्रवात को लेकर जागरूकता फैलाने को कहा गया। साथ ही, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और उपकेंद्रों में दवाओं की उपलब्धता जांचने और अतिरिक्त एंबुलेंस को ऑन कॉल रखने के निर्देश दिए गए।सभी प्रखंडों को स्थानीय स्तर पर कमांड सेंटर चिन्हित कर गोताखोर, रस्सी, लाइफ जैकेट या अन्य आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया।

राजनीतिक सहयोग प्रशासन के माध्यम से

उपायुक्त ने विशेष रूप से उल्लेख किया कि घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में एमसीसी प्रभावी है और पूरे जिले में राजनीतिक गतिविधि रेगुलेटेड है। ऐसे में यदि कोई राजनीतिक दल/कार्यकर्ता प्राकृतिक आपदा की स्थिति में नागरिकों को सहयोग करना चाहते हैं, तो उन्हें सुझाव दिया गया कि किसी भी प्रकार का सहयोग जिला प्रशासन के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने की कार्रवाई करें।बैठक में उप विकास आयुक्त नागेन्द्र पासवान, रूरल एसपी ऋषभ गर्ग, एडीएम लॉ एंड ऑर्डर भगीरथ प्रसाद, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पंचानन उरांव, डीईओ, डीएसई, भवन, विद्युत विभाग के अभियंता, सिविल डिफेंस के प्रतिनिधि मौजूद रहे। बीडीओ, सीओ और थाना प्रभारी ऑनलाइन जुड़े।

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