
जमशेदपुर:शनिवार को निर्मल महतो गेस्ट हाउस में कुड़मी सेना की एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता पिंकी महतो ने की। बैठक में आगामी 23 नवंबर को जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित रीगल मैदान (गोपाल मैदान) में भव्य “बांदना सोहराय परब सांस्कृतिक कार्यक्रम सह कुड़मी जुड़वाही कार्यक्रम” आयोजित करने का सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया।बैठक में कार्यक्रम की रूपरेखा और व्यवस्थाओं पर विस्तृत चर्चा की गई। यह तय किया गया कि यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि कुड़मी समाज की एकता और परंपरा को सशक्त रूप से प्रस्तुत करने का मंच भी बनेगा।
मूलवासी समाज से की गई अपील
बैठक में उपस्थित वक्ताओं ने झारखंड के सभी मूलवासी समुदायों से इस आयोजन में शामिल होने की अपील की। उन्होंने कहा कि “यह कार्यक्रम केवल एक त्योहार नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक पहचान और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक है।”कुड़मी सेना के नेताओं ने कहा कि सभी समुदायों की भागीदारी से यह आयोजन ऐतिहासिक रूप लेगा और आने वाली पीढ़ियों के लिए सांस्कृतिक धरोहर का संदेश देगा।
बैठक में कई प्रमुख हस्तियां रहीं मौजूद
इस मौके पर कुड़मी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष शैलेंद्र महतो, झारखंड आंदोलनकारी हरमोहन महतो, प्रदेश अध्यक्ष विशाल महतो, और समाज के कई वरिष्ठ अगुवा व पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने मिलकर कार्यक्रम की सफलता के लिए रणनीति तय की और जिम्मेदारियां सौंपीं।
कार्यक्रम का उद्देश्य : संस्कृति, एकता और गौरव का उत्सव
बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बांदना सोहराय परब के अवसर पर लोकनृत्य, पारंपरिक गीत, वाद्ययंत्र प्रदर्शन, वेशभूषा झांकी और सांस्कृतिक झलकियों के माध्यम से कुड़मी समाज की परंपराओं को प्रदर्शित किया जाएगा।साथ ही, “कुड़मी जुड़वाही कार्यक्रम” के जरिए समाज के विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत युवाओं और बुजुर्गों को एक मंच पर लाकर सामाजिक एकता और संवाद को प्रोत्साहित किया जाएगा।बैठक के अंत में पिंकी महतो ने कहा कि हमारा उद्देश्य केवल उत्सव मनाना नहीं, बल्कि अपनी संस्कृति और पहचान को आने वाली पीढ़ियों तक सहेज कर पहुंचाना है। रीगल मैदान का यह आयोजन समाज की अस्मिता का प्रतीक बनेगा।कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर कार्यकारिणी सदस्यों की अगली समीक्षा बैठक आगामी सप्ताह में बुलाई जाएगी।
