
जमशेदपुर।शहर में आवारा सांडों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। रविवार को बागुननगर ब्राह्मणी रोड पर हुई एक ताजा घटना ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही पर सवाल खड़े कर दिए हैं।इस घटना में अंग्रेजी माध्यम विद्यालय की शिक्षिका धीरज कौर गंभीर रूप से घायल हो गईं, जबकि उनके अधिवक्ता पति कुलबिंदर सिंह भी सांड के हमले में चोटिल हुए। घायल शिक्षिका की कलाई फ्रैक्चर हो गई है और उनका इलाज टाटा मुख्य अस्पताल में चल रहा है।
भिड़े दो सांड, स्कूटी सवार दंपती बने शिकार
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, रविवार को दो सांड ब्राह्मणी रोड, बागुननगर में आपस में बुरी तरह भिड़ गए थे। इसी दौरान शिक्षक दंपती स्कूटी से वहां से गुजर रहे थे।
स्थिति को भांपते हुए अधिवक्ता कुलबिंदर सिंह ने स्कूटी को सड़क किनारे रोक दिया, ताकि सांडों की लड़ाई खत्म हो जाए। लेकिन तभी एक सांड अचानक स्कूटी की ओर दौड़ा और अधिवक्ता पर हमला कर दिया।सांड का सींग उनके बांह में लगा, जिससे वे असंतुलित हो गए। उसी दौरान पीछे बैठी उनकी पत्नी धीरज कौर के सीने में सांड का सींग लगा, जिससे वह सड़क पर गिर पड़ीं।
राहगीर की बहादुरी से टली बड़ी दुर्घटना
गिरने के बाद सांड ने शिक्षिका की ओर बढ़ने की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद एक युवक ने पास में रखे बांस से सांड को पीटकर पीछे हटाया, जिससे बड़ी दुर्घटना टल गई। स्थानीय लोगों ने तत्परता दिखाते हुए घायल दंपती को तत्काल अस्पताल पहुंचाया।
टीएमएच में भर्ती, कलाई में फ्रैक्चर
धीरज कौर को टीएमएच (टाटा मुख्य अस्पताल) में भर्ती कराया गया है। एक्स-रे रिपोर्ट में उनकी कलाई की हड्डी टूटने की पुष्टि हुई है। वहीं उनके पति कुलबिंदर सिंह को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई।
शहर में आवारा सांडों का आतंक
पिछले कुछ महीनों से जमशेदपुर शहर में आवारा सांडों का आतंक बढ़ गया है।मानगो क्षेत्र में हाल ही में सांड के हमले में दो लोगों की मौत हो चुकी है और दर्जनभर लोग घायल हो चुके हैं।इसके बावजूद नगर निगम प्रशासन की ओर से सांडों को पकड़ने या नियंत्रित करने की कोई ठोस पहल नहीं दिख रही है।स्थानीय लोगों ने मांग की है कि नगर निगम तत्काल कार्रवाई कर बागुननगर और आसपास के क्षेत्रों से आवारा पशुओं को हटाए, ताकि लोगों की जान जोखिम में न पड़े।स्थानीय निवासी रवि कुमार ने कहा,हर दिन बागुननगर और ब्राह्मणी रोड पर दर्जनों सांड खुले घूमते हैं। कई बार शिकायत करने के बावजूद निगम के अधिकारी ध्यान नहीं देते। अब हादसे आम हो गए हैं।
प्रशासन पर उठे सवाल
लगातार हो रही घटनाओं से लोगों में आक्रोश और भय दोनों व्याप्त है। आमजन का कहना है कि जब तक नगर निगम इन आवारा पशुओं को व्यवस्थित ढंग से नहीं हटाएगा, तब तक ऐसी घटनाएँ होती रहेंगी।
