घाटशिला उपचुनाव: चुनाव प्रचार थमा, अंतिम दिन भावुक हुए पूर्व CM चंपई सोरेन; CM हेमंत सोरेन पर लगाया अपमान का आरोप

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जमशेदपुर/घाटशिला।घाटशिला विधानसभा उपचुनाव के लिए शनिवार शाम चुनावी शोर थम गया। अब मतदान से पहले डोर-टू-डोर कैंपेनिंग का दौर शुरू हो गया है, जिसके साथ ही सभी प्रत्याशियों और राजनीतिक दलों की धड़कनें तेज हो गई हैं। भले ही इस उपचुनाव का परिणाम सीधे तौर पर राज्य सरकार के स्वास्थ्य पर कोई खास असर न डाले, लेकिन यह चुनाव भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन और पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन दोनों के लिए बेहद अहम और प्रतिष्ठा का विषय बन गया है।

अंतिम दिन चंपई सोरेन की भावुक अपील

चुनाव प्रचार के अंतिम दिन, पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन राजनीतिक हमलों के बीच भावुक नजर आए। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपनी वेदना साझा करते हुए, यहां तक कि उनकी आंखों से आंसू भी निकल पड़े।चंपई सोरेन ने अपनी इस भावुकता के पीछे झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा अपमानित किए जाने को वजह बताया।

बैल’ वाले बयान पर गहरा विवाद

दरअसल, यह विवाद तब शुरू हुआ जब राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा प्रत्याशी बाबूलाल सोरेन की तुलना ‘बैल’ से कर दी। इस बयान को भाजपा ने तुरंत एक बड़ा चुनावी मुद्दा बना लिया।वहीं, इस बयान को पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने व्यक्तिगत अपमान के तौर पर लिया और अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलकर अपना दर्द बयां किया।

चंपई सोरेन का तीखा हमला

पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि जेएमएम को उन्होंने अपने खून-पसीने से सींचा, आज उसी पार्टी के मुखिया (हेमंत सोरेन) ने संस्कार को भुला दिया है।चंपाई सोरेन (पूर्व मुख्यमंत्री):”जिस पार्टी को मैंने अपने खून-पसीने से सींचा आज उस पार्टी का मुखिया संस्कार भूल चुका है। उसे न आदिवासियों की चिंता है और न राज्य की जनता का। राज्य में आदिवासी खतरे में हैं। आदिवासी बहन-बेटियों की इज्जत लूटी जा रही है। राज्य का डेमोग्राफी बदल रहा है। इसकी चिंता करने के बजाय मेरे बेटे (बाबूलाल सोरेन) की तुलना बैल से की जा रही है।”उन्होंने घाटशिला की जनता से इस अपमान का बदला लेने और आदिवासी अस्मिता की रक्षा के लिए मतदान करने की भावुक अपील की।

जनादेश का इंतजार

अब, जबकि चुनावी शोर थम चुका है, 14 नवंबर को होने वाले मतदान में जनता का जनादेश क्या होगा, यह देखना दिलचस्प होगा। यह चुनाव न केवल एक सीट का फैसला करेगा, बल्कि चंपई सोरेन और हेमंत सोरेन के बीच चल रहे राजनीतिक तनाव के भविष्य पर भी अपनी मुहर लगाएगा।

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