केंद्र सरकार का सिख विरोधी फैसला: क़ौमी सिख मोर्चा

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जमशेदपुर: क़ौमी सिख मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष, अधिवक्ता कुलबिंदर सिंह ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के एक फैसले की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सरकार के उस निर्णय को सिख विरोधी बताया है, जिसमें पाकिस्तान जाने वाले सिख श्रद्धालुओं को वीज़ा देने से इनकार कर दिया गया है।अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने सवाल उठाया है कि अगर भारतीय क्रिकेट टीम पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के साथ दुबई में मैच खेल सकती है, तो सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में जाकर गुरु पर्व क्यों नहीं मना सकते?

‘छद्म राष्ट्र भक्ति की भावना परोस रही भाजपा’

सिंह ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी इस देश में ‘छद्म राष्ट्र भक्ति’ की भावना फैला रही है। उनका दावा है कि भाजपा और केंद्र सरकार जानबूझकर सिखों को अपमानित और आहत करने वाले फैसले ले रही हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में लोगों ने भाजपा को वोट नहीं दिया, और अब भाजपा का नेतृत्व एवं मातृ संगठन इसका बदला सिखों से ले रहे हैं।

क्रिकेट को अनुमति, गुरु पर्व को नहीं?

पुलवामा, पहलगाम, पठानकोट जैसी घटनाओं और कश्मीर में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी द्वारा किए जा रहे हमलों का जिक्र करते हुए कुलविंदर सिंह ने पूछा कि जब इतनी बड़ी-बड़ी बातें होती हैं, तो फिर क्रिकेट मैच खेलने की अनुमति क्यों दी गई? उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर मैच खेलने की इजाजत दी जा सकती है, तो धार्मिक परंपरा का निर्वाह करते हुए सिख श्रद्धालुओं के प्रतिनिधिमंडल को पाकिस्तान जाने का वीज़ा क्यों नहीं दिया जा सकता?

कुलविंदर सिंह ने केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, रवनीत सिंह बिट्टू और भाजपा के राष्ट्रीय सचिव मनजिंदर सिंह सिरसा पर भी निशाना साधा। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सभी नेता अपने निजी फायदे के लिए कठपुतली की तरह काम कर रहे हैं और महान गुरु नानक देव जी के सिद्धांतों की अनदेखी कर रहे हैं। गौरतलब है कि 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के दिन गुरु नानक जयंती है।

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