
जमशेदपुर: आनंद मार्ग प्रचारक संघ, पूर्वी सिंहभूम शाखा ने रविवार को ‘प्रभात संगीत दिवस’ का आयोजन किया। यह दिवस 14 सितंबर 1982 की उस ऐतिहासिक तिथि की याद में मनाया जाता है, जब श्री प्रभात रंजन सरकार ने देवघर में प्रभात संगीत की शुरुआत की थी। प्रभात संगीत को एक उच्च कोटि का संगीत माना जाता है, जो मानव के भीतर सोई हुई दिव्यता को जागृत करने में सहायक होता है।
5018 प्रभात गीतों की रचना
श्री प्रभात रंजन सरकार ने अपने जीवनकाल में कुल 5018 प्रभात गीतों और सुरों की रचना की। ये गीत केवल एक नहीं बल्कि आठ भाषाओं में रचे गए हैं, जिनमें बंगाली, हिंदी, संस्कृत, अंगिका, उर्दू, मैथिली, मगही और अंग्रेजी शामिल हैं। इन गीतों में अध्यात्म, दर्शन, सामाजिक चेतना, प्रकृति, देशभक्ति जैसे विविध विषयों को समाहित किया गया है, साथ ही इनमें झूमुर, बाउल, गजल, कव्वाली, शिव-गीति और कृष्ण-गीति जैसी पारंपरिक विधाओं का भी समावेश है।
भव्य आयोजन
इस कार्यक्रम का आयोजन आनंद मार्ग टाटानगर डायोसिस की महिला डायोसिस सचिव अवधूतिका आनंद अतिसा आचार्या और पूर्वी सिंहभूम जिला के भुक्ति प्रधान श्यामलेंदु कुमार की देखरेख में हुआ।कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे, जिनमें विश्वनाथ गोराई, अरुण कुमार महतो, आशीष नाग चौधरी, दीपा शिवाकोटी, ऊषा महतो, आभा देवी और अवधूतिका आनंद रूपातीता आचार्या जैसे प्रमुख सदस्य शामिल थे। इस तरह, यह आयोजन श्री प्रभात रंजन सरकार के संगीत और आध्यात्मिक योगदान को श्रद्धांजलि देने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।