जमशेदपुर:चतुर्थ बाल मेला में राज्यपाल बोले— बच्चे मोबाइल की दुनिया में कैद, समाज से जोड़ना बड़ी चुनौती

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जमशेदपुर: झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार ने बुधवार को साकची के बोधि मैदान में चल रहे चतुर्थ बाल मेला में शिरकत करते हुए बच्चों के बढ़ते मोबाइल उपयोग पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि आज बच्चे मोबाइल की दुनिया में इतने खो गए हैं कि समाज में क्या हो रहा है, उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं। सबसे बड़ी चुनौती है— उन्हें फिर से समाज से जोड़ना।

“बाल मेला बचपन की मासूमियत और भविष्य की दिशाओं का दर्पण” — राज्यपाल गंगवार

राज्यपाल ने कहा कि बाल मेला सिर्फ एक आयोजन नहीं, बल्कि भविष्य की बुनियाद तैयार करने वाला एक महत्त्वपूर्ण मंच है। उन्होंने कहा झारखंड में अब भी कुपोषण एक बड़ी समस्या है, इसे दूर करने के लिए प्रयासों को और तेज करने की जरूरत है।बच्चों के विकास के पाँच स्तंभ— स्नेह, पोषण, शिक्षा, सुरक्षा और अवसर— किसी भी समृद्ध राष्ट्र की नींव हैं।जनजातीय समाज की यह मान्यता कि “बच्चा पूरे समुदाय का होता है” दुनिया को सामूहिक जिम्मेदारी का संदेश देती है।उन्होंने माता-पिता से अपील की कि बच्चे को सपने देखने और सीखने की पूरी स्वतंत्रता दें, उन्हें बेहतर माहौल उपलब्ध कराएं और विशेष रूप से बालिका शिक्षा को प्राथमिकता दें।राज्यपाल ने कहा बच्चे आज की प्राथमिकता हैं। उन्हें स्वस्थ, शिक्षित और खुशहाल माहौल देने की जिम्मेदारी हमारी है।”

स्मारिका विमोचन और कला प्रदर्शन

राज्यपाल ने मौके पर 40 पन्नों की बहुरंगी स्मारिका का विमोचन किया, जिसका संपादन आनंद सिंह ने किया है।स्मारिका के संपादक मंडल में डॉ. त्रिपुरा झा, चंद्रदीप पांडेय और अनीता शर्मा शामिल हैं।राज्यपाल को उनका पोट्रेट कलाकार दीपांकर कर्मकार द्वारा और बाल मेले से जुड़े चित्र मशहूर कलाकार विप्लव दा द्वारा भेंट किए गए।

सरयू राय बोले— कोरोना के बाद बच्चों में मानसिक असर दिखा, इसलिए शुरू किया मेला

जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा कि 2020-21 के कोरोना लॉकडाउन में बच्चों पर सबसे अधिक प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था।उन्होंने कहा 2022 में छात्रों के अधिकार, स्वास्थ्य, प्रतिभा और मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हुए बाल मेले की शुरुआत की गई।इस बार 4200 बच्चों ने 18 प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है।आगे बाल मेले को राज्य स्तरीय रूप दिया जाएगा ताकि पूरे झारखंड की सहभागिता सुनिश्चित हो सके।उन्होंने यह भी कहा कि जो बच्चे स्कूल नहीं जाते, उन्हें भी इस मेला से जोड़ा गया है।

बैंड परेड, दीप प्रज्ज्वलन और सम्मान समारोह

राज्यपाल के आगमन पर पीएमश्री कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, पटमदा की छात्राओं ने बैंड बजाकर स्वागत किया।दीप प्रज्ज्वलन और राष्ट्रगान के बाद कार्यक्रम की शुरुआत हुई।कार्यक्रम में विभिन्न गणमान्य लोगों ने राज्यपाल, विधायक और आयोजकों को अंगवस्त्र व स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।संयोजक मनोज कुमार सिंह ने कार्यक्रम का संचालन किया।स्वागत भाषण में गोविंद दोदराजका ने कहा कि बाल मेला अब जमशेदपुर शहर की पहचान बन चुका है।

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