
जमशेदपुर: केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए नए श्रम कोड के विरोध में बुधवार को जमशेदपुर में संयुक्त ट्रेड यूनियन और किसान मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने जिला मुख्यालय के समक्ष जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि ये नए कानून मजदूर वर्ग के हितों के खिलाफ हैं और इनका सीधा लाभ बड़े पूंजीपतियों को मिलेगा।
श्रम कोड ‘पिछले दरवाजे से लागू’, बढ़ेगा शोषण
प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने 21 नवंबर को देशभर में ‘नए श्रम कोड को पिछले दरवाजे से लागू’ कर दिया है।संयुक्त ट्रेड यूनियन के नेताओं ने कहा कि नए श्रम कानूनों में बदलाव कर मजदूरों के अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है, जिससे उनका शोषण बढ़ेगा। प्रदर्शनकारियों ने स्पष्ट कहा कि इन कानूनों का दुष्प्रभाव मजदूरों पर पड़ेगा, जबकि इसका लाभ केवल बड़े पूंजीपतियों को मिलेगा। नेताओं ने कहा कि देश के 800 जिलों में किसान और मजदूर आज सड़क पर उतरने को मजबूर हैं।
किसानों की मांगें और आर्थिक संकट
प्रदर्शन के दौरान किसान मोर्चा ने भी अपनी समस्याओं को उजागर किया और केंद्र सरकार की नीतियों पर हमला बोला। किसानों को आज भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) नहीं मिल रहा है, वहीं खाद और बीज की कीमतों में लगातार वृद्धि की जा रही है। उनका आरोप है कि बहुराष्ट्रीय कंपनियों से खरीदे जा रहे इनपुट (कृषि सामग्री) के कारण किसान आर्थिक गर्त में जा रहे हैं।प्रदर्शन के दौरान पियूष गुप्ता ने कहा कि केंद्र सरकार मजदूर और किसान विरोधी नीतियां लागू कर रही है और यह लड़ाई उनके अधिकारों की रक्षा के लिए है। नेताओं ने स्पष्ट कहा कि किसान और मजदूरों के अधिकार बहाल होने तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
