
जमशेदपुर:सिदगोड़ा रोड नंबर-28 के पास 2 दिसंबर को शाम लगभग 5 बजे ट्रैफिक पुलिस द्वारा चलाए जा रहे चेकिंग अभियान के दौरान एक गंभीर विवाद सामने आया है। आरोप है कि ट्रैफिक पुलिस अधिकारी एस.एस. पासवान ने युवा कांग्रेस के कार्यकर्ता पीयूष शर्मा और आकाश कुमार को अचानक बेरिकेड धक्का देकर गिरा दिया, जिससे दोनों युवक बाइक सहित सड़क पर गिर पड़े और उनके पैर व कमर में गंभीर चोटें आईं।
चेतावनी की जगह बेरिकेड से गिराने का आरोप
घायल युवकों ने तत्काल इसकी सूचना युवा कांग्रेस पूर्वी विधानसभा के महासचिव निखिल तिवारी को दी। निखिल तिवारी मौके पर पहुंचे और ट्रैफिक पुलिस अधिकारी एस.एस. पासवान से इस कार्रवाई पर कड़ा सवाल किया।”अगर बच्चों से कोई गलती हुई थी तो चेतावनी देकर छोड़ा जा सकता था, या फिर नियम के अनुसार चालान काट लेते। ऐसी कौन-सी मजबूरी थी कि छात्रों को बेरिकेड धकेल कर गिराने जैसा कदम उठाया गया?इस पर अधिकारी एस.एस. पासवान ने कथित रूप से जवाब दिया कि गोलमुरी ट्रैफिक क्षेत्र में यह कोई नई घटना नहीं है और यह “ग्यारहवीं बार” ऐसा मामला सामने आया है।
अभद्रता और ‘फर्जी’ केस लगाने की धमकी
निखिल तिवारी का आरोप है कि बातचीत के दौरान अधिकारी ने उनसे अभद्र व्यवहार किया और धमकी दी। जो करना है करो, यहां दोबारा दिखना मत, नहीं तो तुम्हें भी मारेंगे और तुम्हारे ऊपर एसटी/एससी एक्ट का केस लगा देंगे।
टीओपी में शिकायत दर्ज करने से असहयोग का आरोप
घटना के विरोध में निखिल तिवारी अपने साथियों और घायलों को लेकर गोलमुरी टीओपी पहुंचे, जहां उन्होंने लिखित शिकायत देने की कोशिश की। आरोप है कि वहां मौजूद मुंशी औरंगजेब ने शिकायत दर्ज करने में असहयोगपूर्ण और अहंकारी रवैया अपनाया और मामले को गंभीरता से नहीं लिया।
युवा कांग्रेस की तीन प्रमुख मांगें
युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन के ऐसे व्यवहार को बेहद निंदनीय और आम नागरिकों के लिए खतरा बताया। उन्होंने पुलिस प्रशासन को पत्र लिखकर मामले में उचित कार्रवाई की मांग की है:
1. संबंधित ट्रैफिक पुलिस अधिकारी एस.एस. पासवान पर विभागीय कार्रवाई की जाए।
2. घटनास्थल का सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक किया जाए।
3. गोलमुरी टीओपी में शिकायत लेने से मना करने वाले कर्मियों पर भी संज्ञान लिया जाए।
इस मामले को लेकर शहर में राजनीतिक और सामाजिक संगठनों में रोष व्याप्त है और लोग पुलिस व्यवस्था की कार्यशैली पर सवाल उठा रहे हैं। घायलों का इलाज जारी है।
