देवघर में सड़क हादसे से राजनीतिक तूफान:आशुतोष कुमार के भाई की मौत पर जेएमएम नेता पर हत्या का आरोप

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देवघर। बिहार के नेता आशुतोष कुमार के भाई मनीष कुमार की मंगलवार देर रात देवघर के बाजला चौक पर एक सड़क हादसे में हुई मौत ने झारखंड की राजनीति में गर्माहट पैदा कर दी है। परिजनों ने इस घटना को मात्र दुर्घटना मानने से इनकार करते हुए सत्ताधारी दल झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक युवा नेता और उनके सहयोगियों पर एसयूवी से जानबूझकर रौंदने का गंभीर आरोप लगाया है।

एसयूवी से टक्कर, जेएमएम नेता पर आरोप

घटना मंगलवार देर रात की है, जब मनीष कुमार किसी काम से बाजला चौक पर खड़े थे। इसी दरमियान एक एसयूवी गाड़ी से उन्हें जोरदार टक्कर मारी गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।मृतक मनीष कुमार के भाई और बिहार के चर्चित नेता आशुतोष कुमार ने इस घटना को लेकर सीधे तौर पर जेएमएम के युवा नेता राहुल चंद्रवंशी और उनके सहयोगियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने ही इस वारदात को अंजाम दिया है।

हेमंत सरकार और पुलिस पर संरक्षण का आरोप

आशुतोष कुमार, जो स्वयं को एक राजनीतिक शख्स और समाज के नेता बताते हैं, ने हेमंत सरकार और स्थानीय पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सीधा सवाल खड़ा किया है।उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के बाद भी अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। संबंधित थाने की पुलिस इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही है और आरोपी राहुल चंद्रवंशी अपने आपको सरकार का आदमी कहकर खुद को बचाने का प्रयास कर रहा है। यह हेमंत सरकार के कार्य प्रणाली पर सीधा सवाल खड़ा करता है।आशुतोष कुमार के समर्थक गौतम ने कहा कि मनीष कुमार उन्हीं के परिवार के स्कूल में देवघर में काम करते थे। उनकी किसी से दुश्मनी नहीं थी, लेकिन शराब के नशे में कुछ मनचलों ने उन्हें गाड़ी से रौंदने का काम किया।

चुनाव प्रचार के बावजूद अनदेखी

आशुतोष कुमार ने अपनी राजनीतिक भागीदारी का उल्लेख करते हुए बताया कि जब मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन गांडेय विधानसभा से उपचुनाव लड़ रही थीं, तो उन्होंने अपने समाज का वोट दिलाने के लिए प्रचार-प्रसार भी किया था। इसके बावजूद उनके भाई के साथ हुए इस व्यवहार और पुलिस की उदासीनता पर उन्होंने नाराजगी जताई।आशुतोष कुमार ने बताया की है कि वह न्याय के लिए अंतिम दिन तक लड़ते रहेंगे और जब तक उनके भाई के हत्यारे को सजा नहीं मिलेगी, तब तक वे न्यायालय से न्याय की गुहार लगाते रहेंगे।पुलिस प्रशासन ने अभी इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन आरोपों की गंभीरता को देखते हुए यह मामला जल्द ही राजनीतिक तूल पकड़ सकता है।

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