
चांडिल। सरायकेला-खरसावां जिले के नीमडीह प्रखंड क्षेत्र के चातरमा गाँव में एक दुखद घटना सामने आई है, जहाँ धान के खेत में कीचड़ में गिरकर बीमार हुए एक जंगली हाथी ने आखिरकार रविवार की सुबह दम तोड़ दिया। यह हाथी पिछले लगभग 18 घंटे से कीचड़ में पड़ा था और उठने में असमर्थ था।
शुक्रवार की रात गिरा था हाथी
वन विभाग के अनुसार, हाथी शुक्रवार की रात चातरमा गाँव के पास धान के खेत में गिर गया था, जिसके बाद वह अपनी कमजोरी के कारण उठ नहीं पाया। लगातार प्रयास और उपचार के बावजूद, हाथी ने रविवार की सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर दम तोड़ दिया।
डिहाइड्रेशन और कमजोरी थी मौत की वजह
हाथी के बीमार होने की खबर मिलते ही गुजरात के वनतारा फॉरेस्ट से आई विशेषज्ञ टीम, स्थानीय वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीम मौके पर पहुँची थी। ये टीमें पिछले करीब 18 घंटे से खेत में ही हाथी का लगातार इलाज कर रही थीं।नीमडीह के भ्रमणशील पशुपालन पदाधिकारी डॉ. केके चौधरी ने बताया कि”हाथी काफी कमजोर हो गया था और उसे गंभीर डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) हो गया था। तमाम कोशिशों के बावजूद उसे बचाया नहीं जा सका।”
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
हाथी की मौत के बाद वन विभाग की टीम ने आगे की कानूनी प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग को अब हाथी की मौत के वास्तविक कारणों का पता लगाने के लिए पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार है।स्थानीय ग्रामीणों और वनकर्मियों में इस जंगली हाथी की मौत को लेकर शोक का माहौल है।
